उल्लेखनीय है कि उत्कृष्ट विद्यालय के पीछे स्थित मैदान में पानी की निकासी नहीं होने के कारण हमेशा से यहां पर जलभराव की स्थिति बनी रहती है। किसी तालाब की तरह यहां पर भरा हुआ पानी पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचा रहा है। वहीं उक्त स्कूल भवन के पीछे लगातार पानी भरा रहने से स्कूल की दीवार पर भी प्रभाव पड़ सकता है। यदि समय रहते इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो किसी भी दिन अनहोनी हो सकती है। क्योंकि जिस तरह यहां पर पानी भरा रहने के कारण आम का पेड़ गिर गया, वैसे ही अन्य पेड़ या फिर दीवार को भी नुकसान हो सकता है।
नेत्र परीक्षण के लिए कार्यशाला आयोजित
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला अंधत्व निवारण समिति एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी शालेय नेत्र परीक्षण अभियान चलाया जाएगा। इसमें सभी शासकीय विद्यालयों की कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के बच्चों का चार चरणों में नेत्र परीक्षण कर नि:शुल्क चश्मे प्रदान किए जाएंगे।
इसी अभियान के लिए बुधवार को शाजापुर एवं मो.बडोदिया विकासखंड के करीब 60 विज्ञान शिक्षक एवं काउंसलर्स के लिए कार्यशाला आयोजित कर नेत्र परीक्षण का प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ एवं कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. सुनील सोनी ने सभी शिक्षकों को परीक्षण किट प्रदान कर सचित्र प्रशिक्षण दिया। साथ ही बताया कि इस वर्ष शाजापुर को 3100 चश्मों के वितरण का लक्ष्य प्राप्त हुआ हैं। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अरुण व्यास ने शिक्षकों को दृष्टि दोष एवं उसके निवारण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला को आरएमएस प्रभारी देवेंद्र रामीज ने संबोधित करते हुए चश्मा वितरण का शतप्रतिशत लक्ष्य पूर्ति के लिए सहयोग का आश्वासन दिया। इस अवसर पर जूनियर रेडक्रास सोसायटी के सुरेश मालवीय, शेख मोहम्मद सईद उपस्थित थे। संचालन जूनियर रेडक्रास सोसायटी संगठक सुरेश पाठक ने किया तथा आभार प्रदर्शन नेत्र विभाग के उप कार्यक्रम प्रबंधक राजेंद्र सक्सेना ने माना।