scriptजानिए क्यो अटक गया शहर का विकास | Know why the development of the city got stuck | Patrika News
शाजापुर

जानिए क्यो अटक गया शहर का विकास

साढ़े 8 करोड़ रुपए के टेंडर को मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने किया निरस्त, मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को की शिकायत, जांच करने के लिए उज्जैन से नगर पालिका पहुंचे अधिकारी

शाजापुरNov 05, 2019 / 11:31 pm

Piyush bhawsar

Know why the development of the city got stuck

जानिए क्यो अटक गया शहर का विकास

शाजापुर.

मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना के अंतर्गत शहर के विभिन्न स्थानों पर सीसी रोड और नाला निर्माण को लेकर कुछ माह पहले टेंडर जारी किए गए थे। बाद में इन टेंडर को मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने निरस्त कर दिया। इसके चलते करीब साढ़े 8 करोड़ रुपए के शहर विकास के कार्य अटक गए। इस मामले में मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा टेंडर निरस्त किए जाने को लेकर एक शिकायत नगरीय प्रशासन विभाग को की गई। इसी शिकायत के आधार पर नगरीय प्रशासन विभाग ने जांच के लिए दो सदस्यों का दल बनाकर मंगलवार को शाजापुर भेजा। दल ने नपा कार्यालय में बैठकर मामले की जांच की।

शहर में कई स्थानों पर सीसी रोड और नालों का निर्माण किया जाना है। इसके चलते नगर पालिका ने कुछ माह पहले मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण में टेंडर जारी किए थे। टेंडर जारी होने के बाद नियमानुसार प्रक्रिया के तहत उक्त टेंडर अनुमोदित होकर जांच के लिए कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन के पास भेजे जातें है। कार्यपालन यंत्री द्वारा टेंडरों की जांच के बाद इसे नगर पालिका को भेजा जाता है। इसी प्रक्रिया के तहत मुख्यमंत्री अधोसंरचना के करीब साढ़े 8 करोड़ रुपए के टेंडर नपा ने जारी किए। इन टेंडरों की जांच करने के लिए जब इन्हें कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन विभाग के पास भेजा गया तो कार्यपालन यंत्री द्वारा टेंडर के संबंध में अनुमोदन नहीं होने सहित कुछ तकनीकी खामियां नगर पालिका परिषद शाजापुर को बताई गई। कार्यपालन यंत्री द्वारा बताई गई खामियों को देखते हुए शाजापुर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी भूपेंद्रकुमार दीक्षित ने उक्त टेंडर को निरस्त कर दिया। अचानक टेंडर निरस्त हो जाने से शहर में विभिन्न निर्माण कार्य अटक गए। इस मामले में एक लिखित शिकायत नगरीय प्रशाासन विभाग उज्जैन और आयुक्त नगरीय प्रशासन को की गई।

आदेश जारी होने के 27 दिन बाद दल पहुंचा शाजापुर
निविदा निरस्त होने की जानकारी मिलने के बाद संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मप्र भोपाल की ओर से 9 अक्टूबर 2019 को एक आदेश जारी किया गया। जिसमें बताया गया कि नगर पालिका परिषद शाजापुर में मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना (द्वितीय चरण) अंतर्गत आमंत्रित निविदा की शिकायत की जांच के लिए दल गठित किया गया है। इसमें नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग उज्जैन के कार्यपालन यंत्री आरआर जारोलिया एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग के सहायक यंत्री मनोज घोष को शामिल किया गया। संचालनालय की ओर से जारी आदेश में उक्त दल को शिकायत की जांच करके बिंदूवार जांच प्रतिवेदन अपने अभिमत के साथ प्रस्तुत करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया था, लेकिन जिम्मेदारों ने इस मामले में ठीलपोल बरती और 27 दिन बाद लिए शाजापुर नपा कार्यालय पहुंचे।

पहले कहा हम तो स्वच्छता सर्वेक्षण का कार्य करने आएं हैं
नपा कार्यालय में बैठकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी दीक्षित से जानकारी जुटा रहे नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग उज्जैन के कार्यपालन यंत्री जारोलिया से जब पूछा गया कि क्या वे उक्त निविदा प्रक्रिया निरस्त किए जाने की शिकायत के मामले में जांच करने के लिए यहां पर आएं हैं तो उन्होंने पहले तो मीडिया से चर्चा करने के लिए अपने आप को अधिकृत नहीं होने की बात कही। इसके बाद उन्होंने कहा कि वे यहां पर स्वच्छता सर्वेक्षण के कार्य के लिए आएं है। हालांकि इसी नपा के कक्ष में बैठकर वे निविदा निरस्ती के मामले में भी मुख्य नगर पालिका अधिकारी से पूछताछ कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। अभी शाजापुर नपा से मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया है। रिकार्ड उपलब्ध होने के बाद निष्पक्ष जांच की जाएगी।

शिकायतकर्ता पहुंचा तो हो गया हंगामा
नपा में कार्यपालन यंत्री के आने की जानकारी मिलने पर निविदा निरस्त करने के मामले में शिकायत करने वाले विनित वाजपेयी भी यहां पहुंच गए। जब वाजपेयी ने कार्यपालन यंत्री जारोलिया से जांच के बारें में जानकारी लेना चाही तो जारोलिया ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। शिकायतकर्ता ने कहा कि बगैर अधिकार के मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने निविदा को निरस्त कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर आरोप भी लगाए। इस बात को लेकर यहां पर हंगामा भी हो गया। इसी समय यहां पहुंचे नपाध्यक्ष प्रतिनिधि क्षितिज भट्ट ने भी मामले में जांच करने की बात कही। ऐसे में यहां पर काफी देर तक गहमा-गहमी चलती रही।

इनका कहना है
निविदा को लेकर कार्यपालन यंत्री ने अनुमोदन नहीं कराने सहित तकनीकि खामियां बताई थी। ऐसे में विवाद की स्थिति को देखते हुए निविदा की कंडिका 19 के तहत जिसमें मुख्य नगर पालिका अधिकारी को यह अधिकार रहता है कि वो निविदा को निरस्त कर सके उसके आधार पर निविदा को निरस्त कर दिया गया। कार्यपालन यंत्री को रिकार्ड इसलिए नहीं भेजा जा सका क्योंकि इस मामले में दो प्रकरण उच्च न्यायालय में लंबीत है। हालांकि कल ही रिकार्ड नगरीय प्रशाासन एवं विकास विभाग उज्जैन पहुंचा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना के तहत नए टेंडर के लिए अनुमोदन करा लिया गया है। जल्द ही नए टेंडर जारी कर दिए जाएंगे।
– भूपेंद्रकुमार दीक्षित, मुख्य नगर पालिका अधिकारी-शाजापुर

Home / Shajapur / जानिए क्यो अटक गया शहर का विकास

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो