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शाजापुर

इस गांव में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं, ग्रामीणों ने उठाया ये कदम

गांव से बाहर जाने के लिए रास्ता ही नहीं बचा, बीमारों को लाना पड़ता है चारपाई पर डालकर, बच्चों की पढ़ाई पर भी मंडरा रहा खतरा, मुसीबत में ग्रामीणजन

शाजापुरAug 10, 2018 / 12:22 am

Lalit Saxena

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शाजापुर. प्रदेश सहित जिले में ग्रामीण क्षेत्रों तक सड़कें बनाने के दावे की पोल जिले के ग्राम नयासमाज खेड़ा खोल रहा है। यहां तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। आने-जाने के लिए लोगों को तालाब से होकर गुजरना पड़ता है। बच्चों को दूसरे गांव पढ़ाई करने जाने के लिए या तो परिजनों के कंधों पर बैठकर जाना पड़ता है या फिर स्कूल की छुट्टी करना पड़ती है।गांव में कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल तक ले जाने के लिए चारपाईपर डालकर ले जाना पड़ता है। यहां के ग्रामीणों ने गुरुवार को आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का फैसला करते हुए रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद कर दिया।
जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर पिपल्याइंदौर ग्राम पंचायत के ग्राम नयासमाज खेड़ा में रहने वाले करीब 250 लोग गांव में मूलभुत सुविधाओं को मोहताज है। गांव में रहने वाले दिनेश, कमलसिंह, बाबूलाल मालवीय, रामप्रसाद, महेश कुमार, फतुलाल, आशीष, रामचंद्र आदि ने बताया कि गांव में पीने का पानी ही नहीं है।3 किमी दूर से पानी भरकर लाना पड़ता है। यहां पर जो हैंडपंप लगा हुआ था वो लंबे समय से खराब पड़ा हुआ है। यहां रहने वाले बाबूलाल मालवीय, जितेंद्रकुमार गोयल, दिलीप कुमार, मुन्नालाल, दरियावसिंह आदि ने बताया कि गांव में सड़क नहीं होने के कारण बच्चों को स्कूल तक नहीं भेज पा रहे है। यदि कोईबीमार हो जाता है तो उसे चारपाई पर उठाकर ले जाना पड़ता है। कई बार तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही बीमार दम तोड़ देता है। ग्रामीणों ने बताया कि इस बारें में उन्होंने कईबार अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से मांग की, लेकिन इसके बाद भी उनकी कोई सुनवाईनहीं हो रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम निजामड़ी से उनके गांव नयासमाज खेड़ा तक की 3 किमी की सड़क का निर्माण किया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ हर परिवार को मिले। क्योंकि सभी लोग पात्र है।गांव तक पाइप लाइन डालकर पानी की व्यवस्था की जाए।
इस बार करेंगे चुनाव का बहिष्कार
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है। पूरा गांव दलित बाहुल्य है। यहां सभी परिवार बीपीएल श्रेणी में आते है। सभी के पास असंगठीत मजदूर पंजीयन कार्ड है। गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मात्र 3 परिवारों को मिला है, जबकि गांव में सभी के मकान कच्चे है। गांव में पानी सड़क की भी समस्या है। ग्रामीणों ने एकमत होकर कहा कि इस बार हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे और किसी भी पार्टी को अपना वोट नहीं देंगे।
मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।यदि ग्रामीणों के साथ परेशानी है और वे चुनाव बहिष्कार की बात कर रहे है तो टीम बनाकर जांच कराई जाएगी। जो परेशानियां है उन्हें हल करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
श्रीकांत बनोठ, कलेक्टर
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