गांव से शुजालपुर तक पहुंचने के लिए कोई भी मार्ग नहीं है। यहां के रहवासी पटरी के साइड में छूटी रेलवे बाउंड्री के सहारे शुजालपुर पहुंचते हैं। गांव के यदि कोई बीमार या प्रसूता को वर्षाकाल के दौरान शुजालपुर लाना हो तो उसे काफी दूरी तक पलंग पर लाना पड़ता है। ग्रामीणों के अनुसार वर्षाकाल में यहां के रहवासी रेलवे पटरी के सहारे रास्ता तय करते हैं।
पूर्व में शिवपुरा कॉलोनी के हरजी पिता नन्नूलाल चमार, जमनाप्रसाद पिता बाबूलाल बैरागी, एलकार ठाकुर, कोहिनूर मंसूरी, राधेश्याम पाटीदार की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। शिवपुरा इलाके में प्रावि के साथ ही प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां दूरदराज से गुरुवार व सोमवार को सैकड़ों लोग आते हैं। इनको भी रेलवे पटरी के सहारे पैदल रेलवे स्टेशन से शिवपुरा तक का सफर तय करना पड़ता है। यही के रहवासी दुर्गाप्रसाद ट्रेन की चपेट में आने से पैर गंवा चुके हैं। वर्षाकाल के चार माह यह के रहवासियों के लिए परेशानी भरे होते है। गांव से शुजालपुर तक आने के लिए कीचड़ और बारिश के पानी के बीच गुजरना पड़ता है।
रहवासी शंकरलाल, इरशाद खां, जगदीश, जसमत आदि ने बताया इस गंभीर समस्या को लेकर कई बार एसडीओ से लेकर कमिश्नर तक आवेदन दिए, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस बस्ती से शुजालपुर मंडी से भीलखेड़ी-कालापीपल वाले मार्ग से जोड़ा जा सकता है, जिसके लिए शासन को कार्रवाई करते हुए मार्ग के लिए भू-अर्जन करना होगा। पिछले दिनों सैकड़ों ग्रामीण एसडीएम शुजालपुर की जनसुनवाई में पहुंचे थे। यहां समस्या के निदान की मांग की गई और ग्रामीणों ने अब मन बना लिया कि जब तक सड़क निर्माण नहीं होगा तब तक वह किसी भी चुनाव में मताधिकार नहीं करेंगे।
यह समस्या आपके द्वारा जानकारी मे लाई गई है। इस मामले मे जल्द ही यथासंभव कार्रवाई की जाएगी।
नितिन भट्ट, सीइओ जनपद पंचायत शुजालपुर