महाराणा प्रताप जयंती पर शौर्य यात्रा के लिए राजपूत समाज की ओर से लंबे समय से तैयारी की जा रही थी। गुरुवार को सुबह साढ़े 10 बजे राजपूत सरदार आदर्श कॉलोनी स्थित राजपूत छात्रावास से धोबी चौराहा स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थल पर पहुंचे। यहां पर समाजजनों ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद शौर्य यात्रा का शुभारंभ हुआ। धोबी चौराहा से शुरु हुई शौर्य यात्रा स्टेशन रोड, महुपुरा चौराहा, रपट, सोमवारिया बाजार, छोटा चौक, आजाद चौक, नईसड़क, फव्वारा चौराहा होते हुए गांधी हॉल में पहुंचकर संपन्न हुई। शौर्ययात्रा में मुख्य रूप से अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष ठा. वीरेंद्रसिंह गोहिल, समाज के संभागीय अध्यक्ष एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष योगेंद्रसिंह बंटी बना, भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्रसिंह बैस, शुजालपुर के पूर्व विधायक जसवंतसिंह हाड़ा, करणी सेना के डॉ. राजेंद्रसिंह डोडिया, विजेंद्रसिंह चौहान, दिलीपसिंह गोहिल सहित बड़ी संख्या में राजपूत सरदार शामिल हुए। शौर्ययात्रा का शहरभर में विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग संगठनों ने पुष्पवर्षा कर और समाज के वरिष्ठों का साफा बांधकर पुष्पमाला से सम्मान किया। मुख्य रूप से मनिहारवाड़ी क्षेत्र में मुस्लिम समाजजनों ने शौर्ययात्रा में चल रहे समाज के पदाधिकारियों का स्वागत किया।
नवनिर्वाचित सांसद ने अखाड़ें में दिखाए हाथ
महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर शहर में निकली शौर्य यात्रा में शामिल होने के लिए देवास लोकसभा सीट के नवनिर्वाचित सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी शाजापुर पहुंचे। सोलंकी ने राजपूत समाज और करणीसेना के पदाधिकारियों का स्वागत किया। इसके बाद शौर्ययात्रा में शामिल अखाड़े जिसमें समाज के युवा से लेकर वरिष्ठ तक अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे थे। इस आखाड़ें में सांसद सोलंकी ने भी अपने हाथ दिखाए। हाथों में लट्ठ लेकर सोलंकी ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस
गत वर्ष 16 जून को ईद और महाराणा प्रताप जयंती के एक ही दिन थी। इस दौरान निकाली गई शौर्ययात्रा पर शहर के मनिहारवाड़ी क्षेत्र में पथराव के बाद तनाव की स्थिति बन गई थी। इस तनाव में कई वाहनों में आगजनी के साथ ही जमकर पथराव हुआ था। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे और लाठियां भांजकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाया था। इस मामले में दोनों पक्षों के 57 से ज्यादा लोगों के खिलाफ बलवा, आगजनी, पथराव आदि के मामले में प्रकरण दर्ज किया गया था। गत वर्ष की स्थिति को देखते हुए इस बार पुलिस ने शौर्ययात्रा के दौरान व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रही। मनिहारवाड़ी क्षेत्र में तो भारी पुलिस बल के साथ वज्र वाहन और अधिकारी भी मौजूद रहे। शहर में लगे हुए सीसीटीवी कैमरों के साथ ही ड्रोन कैमरे की मदद से पूरी शौर्ययात्रा पर निगाह रखी गई।
नारे लगाने को लेकर विवाद ,पुलिस ने संभाला जब शौर्ययात्रा मनिहारवाड़ी क्षेत्र से निकल रही थी तभी यात्रा में शामिल कुछ युवाओं ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। अचानक यहां पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि इस स्थान पर पहले से मौजूद एएसपी आरस प्रजापति और अन्य पुलिस बल ने स्थिति को तत्काल संभालते हुए मामले को खत्म कर दिया। फव्वारा चौराहा पर भी एक युवक के कारण स्थिति बिगडऩे लगी तो पुलिस ने उसे दबोच लिया। हालांकि यात्रा में चल रहे शुजालपुर के पूर्व विधायक हाड़ा ने युवक को समझाइश देकर पुलिस से छुड़वाया। इसके बाद यात्रा गांधी हॉल पहुंचकर संपन्न हुई।
दुकानें नहीं खुली, एसपी भी करते रहे भ्रमण
गत वर्ष हुए घटनाक्रम के बाद इस बार शौर्ययात्रा को शांतिपूर्णढंग से निपटाने के लिए पूर्व कलेक्टर ने पहले ही धारा 144 को प्रभावशील करते हुए यात्रा में हथियारों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इधर नवागत एसपी पंकज श्रीवास्तव ने भी शौर्ययात्रा के आयोजन को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए शहर में और मुख्य रूप से यात्रा मार्ग पर भ्रमण करते हुए निगरानी रखी। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने एहतियात के तौर पर एक दिन पहले ही बुधवार को मनिहारवाड़ी क्षेत्र में घर की छतों पर पड़े हुए पत्थर और ईंटों को नगर पालिका की ट्रेक्टर-ट्रॉली में भरकर हटवा दिया था। इधर गुरुवार को शहर के नई सड़क क्षेत्र में मनिहारवाड़ी और इसके आसपास के स्थान पर लगभग सभी प्रतिष्ठान बंद रहे।