दो जून की रोटी के लिए दिनभर जी तोड़ मेहनत की। इस मेहनत के बाद मजदूरी भी मिली। जब मजदूरी की राशि लेकर घर जा रहा था तो प्यासे लोगों को देखकर मन पसीज गया।
शाजापुर•Apr 25, 2019 / 11:17 am•
Ashish Sikarwar
दो जून की रोटी के लिए दिनभर जी तोड़ मेहनत की। इस मेहनत के बाद मजदूरी भी मिली। जब मजदूरी की राशि लेकर घर जा रहा था तो प्यासे लोगों को देखकर मन पसीज गया।
शाजापुर. दो जून की रोटी के लिए दिनभर जी तोड़ मेहनत की। इस मेहनत के बाद मजदूरी भी मिली। जब मजदूरी की राशि लेकर घर जा रहा था तो प्यासे लोगों को देखकर मन पसीज गया। उनकी प्यास बुझाने के लिए उपाय किए, लेकिन जब कोई उपाय कारगर नहीं हुआ तो पानी खरीदकर प्याऊ में भरवा दिया। ताकि प्यासे महिला, बच्चों सहित सभी के कंठ तर हो सकें।
ये सबकुछ हुआ मंगलवार देरशाम दुपाड़ा रोड पर। भीषण गर्मी में लोगों के लिए पानी सबसे ज्यादा जरूरी है। ऐसे में लोगों की प्यास बुझाने के लिए शहर में विभिन्न स्थानों पर लोगों ने पानी के प्याऊ भी लगवाए हैं। वैसे तो सभी प्याऊ में नगरपालिका के टैंकरों के माध्यम से पानी भरा जाता है, लेकिन दुपाड़ा रोड स्थित चामुंडा माता टेकरी के पास लगाए हुए प्याऊ में मंगलवार शाम को पानी खत्म हो गया। बड़ी संख्या में यहां पहुंचे लोग पानी की तलाश में प्याऊ पहुंचे, तो उन्हें यहां पानी नहीं मिला। इसी दौरान दिनभर मजदूरी करने के बाद ग्राम मूलीखेड़ा निवासी राजेश गिरी मजदूरी से मिले पैसे लेकर यहां पहुंचा। उसने देखा प्याऊ में पीने के लिए पानी ही नहीं है और बड़ी संख्या में महिलाएं व बच्चे पानी के प्यासे बैठे हैं। ऐसे में राजेश ने तलाश किया तो पता लगा कि नपा का टैंकर प्याऊ पर रखे मटकों को भरने नहीं पहुंचा है। इस स्थिति में शहर में संचालित आरओ वॉटर बॉटल वाले को फोन लगाकर 15-15 लीटर के पानी के 4 कैम्पर मंगवाए। इन कैम्पर का पानी प्याऊ पर रखे मटकों में डलवा दिया। इसके बाद यहां पर मौजूद सभी ने पानी प्याऊ से पानी पीते हुए राजेश को दुआएं भी दी।
इवीएम ढोने पर मिली थी मजदूरी
राजेश ने बताया लोकसभा चुनाव को लेकर जिले में जो इवीएम मिली है उन्हें उठाकर दूसरे स्थान पर रखने की मजदूरी की थी। इन मशीनों को दिनभर उठाने के बाद उसे मजदूरी की राशि मिली थी। इस राशि में से ही उसने लोगों की प्यास बुझाने के लिए खाली पड़े प्याऊ के मटकों में खरीदकर पानी भरवा दिया।
परेशानी को दूर करेंगे
शहर के सभी प्याऊ पर नगरपालिका के टैंकरों के माध्यम से पानी भरा जाता है। प्याऊ में पानी भरने में कभी-कभी कुछ देर हो जाती है। यदि किसी स्थान पर प्याऊ में पानी नहीं भरा जा रहा है तो इस परेशानी को दूर कराया जाएगा।
– भूपेंद्रकुमार दीक्षित, सीएमओ, शाजापुर