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शाजापुर

ये अयोग्य संचालक चल रहे इस बैंक को

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अंतर्गत सोसायटियों के संचालन के लिए संचालक मंडल का निर्वाचन किया जाता है।

शाजापुरJan 03, 2019 / 01:10 am

Lalit Saxena

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जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अंतर्गत सोसायटियों के संचालन के लिए संचालक मंडल का निर्वाचन किया जाता है।

शाजापुर. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अंतर्गत सोसायटियों के संचालन के लिए संचालक मंडल का निर्वाचन किया जाता है। इन संचालकों की जिम्मेदारी रहती है कि सोसायटियों के सदस्यों को बैंक से लिए गए ऋण का वितरण करें और समय-समय पर वसूली करके बैंक के ऋण का भुगतान करें, लेकिन शाजापुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के संचालक मंडल में से कई संचालक अयोग्य होने के बाद भी संचालक का पद संभाल रहे हैं। खास बात यह है कि इन अयोग्य संचालकों पर कार्रवाई का अधिकार होने के बाद भी सहकारिता विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में कुल 11 संचालक है। इसमें से लगभग आधे अयोग्य हो चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होने के कारण इनका कार्य लगातार चल रहा है। कई संचालकों ने सोसायटी के सदस्यों को ऋण देने के लिए बैंक से जो ऋण लिया था उसकी किस्तों का भुगतान समय पर नहीं किया है। ऐसे में ये संचालक कालातित/व्यतिकर्मी (बैंक डिफाल्टर) हो चुके हैं। इसके बाद भी इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। बैंक से मिली जानकारी के अनुसार संचालकों को शासन की ओर से सन 2015 में ऋण दिया गया था। उसका कन्वर्शन करके इसे तीन किस्तों में सोसायटियों के सदस्यों से वसूल करके बैंक को दोबारा जमा करना था। इसमें पहली किस्त वर्ष 2016 में, दूसरी 2017 में और तीसरी नवंबर 2018 तक जमा करना थी, लेकिन कई सोसायटियों ने ये किश्तें नहीं जमा की हैं। ऐसे में शासन के नियमानुसार कोई भी सोसायटी निर्धारित तिथि के एक साल बाद तक किस्त जमा नहीं करती है तो वो व्यतिकर्मी हो जाती है। इस स्थिति में संचालक मंडल के कई संचालकों की सोसायटियां व्यतिकर्मी हो चुकी हैं। सोसायटियों के व्यतिकर्मी हो जाने के कारण सहकारिता विधान के अनुसार उक्त सोसायटियों के प्रतिनिधि (संचालक) अयोग्य हो जाते हैं। इसके चलते उक्त प्रतिनिधि का संचालक मंडल में कोई वैधानिक अधिकार नहीं रहता है और उसे सहकारिता विभाग की ओर से तत्काल पद मुक्त कर दिया जाना चाहिए।
इनके संचालक अयोग्य की श्रेणी में
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से मिली जानकारी के मुताबिक आगर जिले के सुसनेर विकासखंड की सोसायटी के संचालक के खिलाफ कई आपराधिक मामले होने के कारण संचालक को जेल में भी रहना पड़ा। इसके बाद भी उक्त संचालक के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आगर ब्लॉक की पिपलोनकलां सोसायटी से संचालक की भी संस्था ने एक साल से ज्यादा समय तक बैंक से लिए गए ऋण का भुगतान नहीं किया। ऐसे में उक्त संस्था भी कालातीत हो गई है, लेकिन इस पर भी कार्रवाई नहीं की गई। बड़ौद विकासखंड की बीजानगरी संस्था के संचालक भी कालातीत हो गए हैं, लेकिन उन पर भी कार्रवाई नहीं की गई है। शाजापुर जिले में सुनेरा सोसायटी पर भी करीब ढाई करोड़ रुपए बकाया होने के कारण वो भी व्यतिकर्मी हो चुकी है। इसके बाद भी यहां के संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
ऊपर से होगी कार्रवाई
जिला सहकारी बैंक के संचालक मंडल के सदस्य यदि अयोग्य हो रहे हैं तो इनकी जांच की जाएगी। जो भी अयोग्य होगा उसके खिलाफ नियमानुसार जांच कर कार्रवाई के लिए वरिष्ठ स्तर पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
सुनीता गोठवाल, डिप्टी रजिस्ट्रार, सहकारिता विभाग-शाजापुर

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