आर्यन्स वैदिक गणित के मप्र के डायरेक्टर राम पाटीदार ने बताया कि आगामी वार्षिक परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए दुनिया के सबसे तेज माने जाने वाले आर्यन्स वैदिक गणित सिस्टम पर कार्यशाला का आयोजन शहर के अलग-अलग विद्यालयों में किया गया। इसमें कक्षा 6 से 10 तक के करीब 600 विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने कठिन से कठिन सवालों को कम समय में और शत-प्रतिशत सटीकता के साथ हल करने की विधियों को सीखाया गया। बच्चों ने इस आसान पद्धिति की सहायता से एल्जेब्रा, ज्योमेट्री और अर्थमेटिक के कठिन एवं टाइम कंस्यूमिंग सवालों को सरलता से हल करने की विधियां सीखी। बच्चों एवं शिक्षकों ने यह भी जाना कि किस प्रकार इन विधियों का उपयोग करके बच्चों से गणित के डर को दूर करके गणित को बच्चों का पसंदीदा विषय बनाया जा सकता है। आर्यन्स वैदिक गणित संस्थापक नवीन भार्गव ने बताया कि आर्यन्स वैदिक कांसेप्ट बच्चों का ब्रेन शार्प करता है, एकाग्रता बढ़ाता है, कॅल्क्युलेशन्स आसान एवं सवालों को हल करने में द्रुतगामी बनाता है जिससे बच्चों का संपूर्ण विकास होता है और बच्चा पढ़ाई में अव्वल हो जाता है। इन विधियों का उपयोग करके सवालों को हल करने की गति को 60 गुना तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि वैदिक गणित विश्व की सबसे प्राचीनतम वैज्ञानिक तकनीक और हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इसके बल पर कभी हमारा देश विश्व गुरु हुआ करता था। विश्व भर में यह तकनीक अपनी खूबियों के कारण पुन: बहुत तेजी से अपने पैर पसार रही है। मप्र में शाजापुर से इसकी शुरुआत की जा रही है। जिसे आगामी समय में प्रदेश भर में संचालित किया जाएगा।