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शाजापुर

बारिश के पानी को सहेजने के लिए नदियों का होगा गहरीकरण, जनअभियान ने बनाया प्लान

नदी में लंबे समय तक पानी भरा रहे इसके लिए होगी कवायद

शाजापुरApr 13, 2018 / 12:30 am

Lalit Saxena

patrika

नदी में लंबे समय तक पानी भरा रहे इसके लिए होगी कवायद

शाजापुर. हर साल बारिश में बह जाने वाले पानी को संभालने के लिए जल्द ही जिले में बड़ा अभियान चलेगा। जन अभियान परिषद ने जिले की चार नदियों का चयन किया है। जहां जल्द ही गहरीकरण के महाअभियान की शुरुआत होगी। इसकी रूपरेखा तैयार हो गई है। जनप्रतिनिधि से लेकर अफसर और आमजन व स्वयंसेवी संगठन इसका हिस्सा बनेंगे। योजना तैयार कर राज्य सरकार को सौंप दी है। बारिश ज्यादा हो या कम अक्सर दिसंबर माह में ही नदियां मैदान में तब्दील होने लगती हैं। लगातार बहने वाली नदियों में पानी की कमी से कई तरह के नुकसान हो रहे है। रबी फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। इसके चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इसलिए नदियों के गहरीरण पर फोकस किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जिले में वर्तमान में प्रमुख नदियों का पानी सूख चुका है। इसके असर से जिले में पेयजल संकट गहरा रहा है। हालत यह है कि जिले में 167 गांवों में पेयजल संकट की नौबत बन रही है।
शासन ने मांगा करोड़ों का बजट: स्थिति से निपटने के लिए शासन स्तर से करोड़ों रुपए का बजट मांगा गया है, क्योंकि इन इलाकों में नए परिवहन सहित अन्य तरह से पेयजल के लिए प्रबंध किए जाएंगे। ऐसी स्थिति में नदियों के गहरीकरण को लेकर योजना धरातल पर उतरी तो इसका लाभ लंबे समय तक मिलेगा वहीं लोगों में जागरुकता बढ़ेगी।
प्रत्येक विकासखंड से एक नदी चिह्नित: जल सरंक्षण के लिए शासन-प्रशासन के किए जा रहे प्रयासों के मद्देनजर जनअभियान परिषद के माध्यम से जिले की विभिन्न नदियों के गहरीकरण के लिए प्लान बनाया है। प्लान के तहत जिले के प्रत्येक विकासखंड की एक नदी को चयनित कर वहां पर गहरीकरण किया जाएगा।
इस तरह होगा काम: जिले से निकली संबंधित नदियों के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को नदी के संरक्षण के लिए जागरूक किया जाएगा। गहरीकरण कार्य में श्रमदान सहित अन्य तरह से सहयोग की अपील की जाएगी। वहीं संबंधित विभाग भी अपने स्तर से नदियों के पुनरुद्घार के लिए प्रयास करेंगे। जिले के सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के माध्यम से भी इस कार्य में सहयोग दिया जाएगा। जल्द ही नदी संरक्षण एवं पुनर्जीवन योजना के तहत जिला स्तर पर एक बैठक भी होना है। बैठक में प्रशासनिक अधिकारी-जनप्रतिनिधि व संबंधित विभागों के प्रमुख भी रहेंगे।
इन नदियों का किया जाएगा गहरीकरण
चीलर नदी के 16 किमी हिस्से में गहरीकरण होगा। शहर की 80 हजार आबादी की प्यास बुझाने का जिम्मा इसी नदी पर है। सांपखेड़ा में चीलर डैम बना है। नदी में बहकर आने वाला पानी डैम में संग्रहित होता है और सालभर की पानी की पूर्ति करता है। शुजालपुर क्षेत्र में जमधड़ नदी है। इसकी कुल लंबाई 25 किमी है। इसका भी गहरीकरण किया जाएगा। कालापीपल के पास 37 किमी लंबी बलेठी नदी है। इस नदी के माध्यम से कई ग्रामों की पेयजल आपूर्ति एवं सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होता है। मोहन बड़ोदिया विकासखंड में गोमती नदी है। जिसकी लंबाई 20 किमी है। इसके भी गहरीकरण का प्लान तैयार किया गया है।
जनभागीदारी से होगा काम
&बारिश के पानी के लंबे समय तक नदियों में रहने से पर्यावरण व जनजीवन को काफी लाभ होगा। जिले के प्रत्येक विकासखंड में नदी संरक्षण एवं पुनर्जीवन योजना के तहत एक-एक नदी का चयन कर गहरीकरण के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। यह कार्य जनभागीदारी से किया जाएगा।
विष्णुप्रसाद नागर, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद

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