शामली। जनपद के कैराना यमुना खादर क्षेत्र के गांव मंडावर नगलाराई, इससोपुर खुरगान में सरकार द्वारा खनन के लिए ठेके छोड़े गए हैं। यहां सरकारी ठेके की आड़ में खनन माफिया जमकर के यमुना नदी का सीना चीर रहे हैं। खनन माफियाओं ने यमुना नदी की जलधारा को भी मोड़ दिया है और यमुना नदी के बीच खनन करने के लिए पुल बना दिया। खनन माफियाओं ने निर्धारित क्षेत्र से अलग यमुना नदी के बीच में खनन कर बड़े-बड़े कुंड बना दिया है। जिससे आगामी बरसात के समय कभी भी यमुना खादर के ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ आने की आशंका बढ़ जाती है।
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दरअसल पश्चिम उत्तर प्रदेश का जनपद शामली इन दिनों खनन के कारोबार को लेकर प्रदेश भर में चर्चित है, यहां यमुना किनारे कई इलाकों में बड़े पैमाने में पर रेत खनन का कारोबार हो रहा है। हरियाणा, दिल्ली व उत्तर प्रदेश के बड़े कारोबारी यहां खनन के कारोबार में लिप्त है और नियम कायदे कानूनों को ताक पर रखकर रेत खनन कर रहे है। इन खनन माफियाओं को ना तो प्रशासन का डर है और ना ही पुलिस का। एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर यमुना नदी के बीच में भारी पोकलेन मशीन उतारकर खनन किया जा रहा है। इतना ही नहीं खनन माफियाओं ने यमुना नदी की जलधारा को भी मोड़ दिया है। माफियाओं ने यमुना नदी के बीच में भारी वाहनों के आवागमन को लेकर नदी के बीच पुल भी बना दिया है। जिस पर रेत के वाहनों को यमुना नदी के बीच से निकाला जा रहा है। इतना ही नहीं माफियाओं के इकबाल के सामने पुलिस और प्रशासन सुस्त नजर आ रहे हैं। यह भी देखें: मुठभेड़ में 25 हजार का इनामी मुख्य आरोपी हुआ गिरफ्तार खनन माफिया सूर्यास्त के बाद भी रात्रि में यमुना नदी से रेत खनन कर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में वाहन निकाल रहे हैं। वहीं यमुना नदी से खनन को लेकर के कई बार ग्रामीणों और किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों से खनन को बंद कराने की गुहार भी लगाई थी, लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन इन खनन माफियाओं पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। किसानों का आरोप है कि खनन माफियाओं ने किसानों की सैकड़ों बीघा फसलें भी खराब कर दी।