लाेकसभा चुनाव 2019: कैराना लाेकसभा सीट काे लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने दिया ये बयान कैराना लोकसभा सीट से सांसद रहे स्वर्गीय कुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह का टिकट कटने के बाद कैराना में गुर्जर समाज में रोष दिखाई दे रहा था लेकिन भाजपा ने इसका तोड़ निकालते हुए गठबंधन को तगड़ा झटका दे दिया। पश्चिम उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता माने जाने वाले एमएलसी वीरेंद्र सिंह को शऩिवार काे भाजपा की सदस्यता ग्रहण करा दी। वीरेंद्र सिंह ने अपने बेटे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
Video अब सांसद की ललकार ”अजहर मसूद” के दामाद कानून के दायरे में रहना सीख लाे वर्ना.. राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं कि एमएलसी वीरेंद्र सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद कैराना लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को मजबूती मिलना तय है। माना जा रहा है कि कैराना में टिकट बदलने से नाराज हुकुम सिंह समर्थित गुर्जर समाज के लोगों की भरपाई अब वीरेंद्र सिंह कर देंगे अैार गुर्जर समाज एक बार फिर से भाजपा के साथ खड़ा जाएगा। शनिवार काे ही मृगांका सिंह ने भी भाजपा से कैराना प्रत्याशी गंगाेह विधायक के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेस की अैर समर्थकाें से वाेट के साथ-साथ जी जान से चुनाव प्रचार में जुट जाने की अपील की।
Loksabha Chunav भाजपाई इन मुद्दाें के साथ आएंगे आपके घर वाेट मांगने, देंखे वीडियाे जानिए कौन है पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह
प्रदेश के पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह गुर्जर शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे के समक्ष भाजपा में शामिल हो गए। माना जा रहा है इस मिलन से कैराना सीट पर भाजपा को मजबूत होगी। आइए जानते हैं पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह कौन है और इनका राजनीतिक इतिहास क्या है
इमरान मसूद ने अब यूपी सीएम याेगी आदित्यनाथ काे बताया ‘दिव्य ज्ञानी’ देंखे वीडियाे वीरेंद्र सिंह पहली बार कांधला विधानसभा से 1982 में चुनाव लड़े थे और जनता उन्हें समर्थन दिया देकर विधानसभा में बैठाया था। इससे पहले उनके ताऊ अजब सिंह कांधला सीट का प्रतिनिधित्व करते थे। ताऊ का निधन होने के बाद उपचुनाव के जरिये वीरेंद्र सिंह का राजनीति में पदार्पण हुआ था। एमएलस वीरेंद्र गुर्जर यहीं से कद्दावर नेता के रूप में सामने आए। आखिरी बार 2002 में रालोद के टिकट पर निर्वाचित हुए थे। उसी दौरान सपा- रालोद गठबंधन सरकार में कैबिनेट पशुधन मंत्री बनाया गया था। इसके बाद वें 2007 में बसपा के बलबीर किवाना तथा 2012 में कांग्रेस के पंकज मलिक के सामने चुनाव लड़े। यह अलग बात है कि काफी वाेट मिलने के बाद भी जीत नहीं सके। विधान सभा 2017 के चुनाव में शामली विधानसभा से सपा से टिकट न मिलने पर वीरेंद्र सिंह ने सपा पार्टी से विद्रोह करके अपने पुत्र मनीष चौहान को सपा -कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी पंकज मलिक के सामने निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारा दिया था। निर्दलीय हाेने के बावजूद उनके बेटे काे काफी वाेट मिले थे। यही कारण है कि, वेस्ट यूपी में वीरेंद्र गुर्जर को गुर्जरों का मजबूत नेता माना जाता है।
Breaking इमरान मसूद की ”ललकार” नरम रवैया ना अपनाएं, आतंकी की भाषा बाेलने वाले काे गाेली मारें मुख्यमंत्री ! कैराना लोकसभा सीट पर टिकट के दावेदार थे वीरेंद्र सिंहसपा एमएलसी वीरेंद्र सिंह कैराना लोकसभा सीट से टिकट के दावेदार माने जा रहे थे। उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष कैराना लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश भी की थी। अखिलेश यादव ने वीरेंद्र सिंह के स्थान पर सांसद तबस्सुम हसन को सपा प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके बाद गुर्जर नेता वीरेंद्र सिंह ने भाजपा में शामिल होने के लिए अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी। इसके चलते वीरेंद्र सिंह शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। कैराना लोकसभा सीट पर 2018 के उपचुनाव में हुई हार को देखते हुए अब कैराना लोकसभा सीट पर भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रखती नजर आ रही है। कुछ दिन पूर्व भाजपा ने ऐन वक्त पर भाजपा के कददावर नेता रहे एंव पूर्व सांसद स्वर्गीय बाबू हुकुम सिंह की पुत्री मृगांका सिंह का टिकट काटकर गंगोह विधायक प्रदीप चौधरी को कैराना लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। ऐसे में गुर्जर मैजमेंट के रूप में वीरेंद्र गुर्जर की एंट्री को देखा जा रहा है। वीरेंद्र सिंह कांधला के गांव जसाला के रहने वाले हैं। करीब आधा दर्जन गुर्जर बाहुल्य गांव खंद्रावली, पंजोखरा , बलवा गुजरान ,चढ़ा , डुढार , गंगेरू आदि में वीरेंद्र सिंह का असर पूर्व में चुनाव के समय देखने को मिलता रहा है। वीरेन्द्र सिंह अपनें पुत्र मनीष चौहान को राजनीति के शिखर पर भी देखना चाहते हैं। अब देखना होगा कि भाजपा में एंट्री करने के बाद वीरेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए संजीवनी साबित हो पाते हैं या नही। कैराना लोकसभा सीट पर महागठबंधन से तबससुम हसन , भाजपा से प्रदीप चौधरी व कांग्रेस से हरेंदर मलिक चुनाव मैदान में हैं।