विदित हो कि शनिवार को कैराना क्षेत्र के गांव सहपत के जंगल में आग धधक गई थी। तेज हवाओं के चलते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। डुंडूखेड़ा के जंगल तक फैल गई थी। किसानों का दावा था कि हरियाणा में सुलगी आग की चिंगारी से भारी तबाही का यह कृय सामने आया है। आग के तांडव में किसानों की लगभग दो हजार बीघा गेहूं, ईंख की ज्यादातर फसलों के राख होने का अनुमान लगाया जा रहा है। आलम यह था कि एक तरफ आग बराबर फैल रही थी, तो दूसरी ओर प्रासनिक अमला भी उस पर काबू पाने में नाकाम नजर आ रहा था, क्योंकि समय पर मौके पर दमकल विभाग की गाडि़यां नहीं पहुंच सकी थी। इसे लेकर आक्रोशित किसानों ने अधिकारियों की सिसकती जुबानों से जमकर खिंचाई भी की थी। बाद में मौके पर करीब चार दमकल की गाडि़यां पहुंची थी और डुंडूखेड़ा में आगे जाकर आग पर पाया गया था। अग्निकांड में किसानों का भयंकर नुकसान हो चुका था। एसडीएम डॉक्टर अमित पाल शर्मा के अनुसार, तहसील से पांच टीमें गठित की गई हैं। टीम में एक कानूनगो व लेखपाल शामिल हैं। नायब तहसीलदार सुरेंद्र सिंह को टीमों का प्रभारी बनाया गया है। टीमें किसानों की आग में हुई क्षति का आंकलन करेंगी और रिपोर्ट बनाकर प्रस्तुत करेंगी। इसी के साथ ही आग के कारणों का भी पता लगाया जा रहा है।
मुआवजे का ये है प्रावधान
अग्निकांड में जिन किसानों की क्षति हुई है, उन्हें खलिहान अग्नि दुर्घटना व प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत मुआवजा दिया जाएगा। मंडी समिति के सचिव ओमदत्त त्यागी ने बताया कि ढाई एकड़ से कम पर 30 हजार, इससे अधिक पर 40 हजार व अधितम 50 हजार रूपये के मुआवजे का प्रावधान हैं। इसके तहत ही किसानों को जांच उपरांत मुआवजा मिलेगा।
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