script2.75 लाख लोगों पर मलेरिया का खतरा | 2.75 laks peoples at risk of malaria | Patrika News
श्योपुर

2.75 लाख लोगों पर मलेरिया का खतरा

मलेरिया विभाग द्वारा तैयार की गई अपनी वार्षिक सर्वे रिपोर्ट में जिले के 267 गांव मलेरिया के लिहाज से अति संवेदनशील चिह्नित किए गए है

श्योपुरApr 08, 2016 / 11:34 pm

monu sahu

sheopur

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श्योपुर.
यूं तो पूरा श्योपुर जिला ही मलेरिया के लिहाज से हाईरिस्क जोन में हैं,लेकिन इस बार जिले के 267 गांवों की लगभग पौने तीन लाख आबादी पर मलेरिया का खतरा मंडरा रहा है। ऐसा इसलिए कि मलेरिया विभाग द्वारा तैयार की गई अपनी वार्षिक सर्वे रिपोर्ट में जिले के 267 गांव मलेरिया के लिहाज से अति संवेदनशील चिह्नित किए गए हैं, जहां विगत तीन वर्षों में मलेरिया की दर 5 या 5 एपीआई से भी अधिक है।
हांलाकि विभाग अपनी रिपोर्ट के बाद अब अपनी दवा छिड़काव कार्य योजना और मलेरिया नियंत्रण उपायों की तैयारियों में जुटा हुआ है, लेकिन गत वर्ष मलेरिया ने एक रिकार्ड कायम किया है,जिससे जिले के लोग गर्मी की शुरुआत में ही चिंतित हो उठे हैं। बताया गया है कि वर्ष 2016 में मलेरिया की रोकथाम की कार्य योजना बनाने के लिए मलेरिया विभाग द्वारा सर्वे कराया गया,साथ ही पिछले तीन वर्षों की मलेरिया के आंकड़ों और एनुअल पेरासाइड इंडेक्स (एपीआई) को पैमाना बनाकर रिपोर्ट तैयार की गई है। रिपोर्ट में जिले में अतिसंवेदनशील उपस्वास्थ्य केंद्रों और उसके अंतर्गत आने वाले गांवों केा चिह्नित किया गया है।
एपीआई के मुताबिक 1000 हजार की आबादी पर गत वर्ष में कितने मलेरिया पॉजिटिव हुए, उस आधार पर 5 फीसदी से अधिक एपीआई वाले क्षेत्र को संवेदनशील माना गया। सर्वे के बाद तैयार हुई रिपोर्ट में जिले के 267 गांव ऐसे हैं, जहां बीते तीन सालों में मलेरिया 5 या 5 से अधिक एपीआई वाले रहे। इन 267 गांवों में 2 लाख 80983 लोग निवास करते हैं,जिन पर इस वर्ष मलेरिया का गंभीर खतरा रहेगा।

गत वर्ष मलेरिया ने बनाया था रिकार्ड, बढ़े 30 फीसदी मरीज
जिले में गत वर्ष मलेरिया ने एक नया रिकार्ड कायम किया था और 30 फीसदी मलेरिया पॉजीटिव मरीजों की संख्या बढ़ी थी। विशेष बात यह है कि अभी अप्रेल माह ही चल रहा हैऔर गर्मी की शुरूआत ही हुई है कि कई गांवों में मलेरिया पॉजीटिव के सामने आने लगे हैं, जिससे विभागय की चिंताएं बढ़ गई हैं। बताया गया है कि वर्ष 2014 में जहां 46 06 मलेरिया पॉजीटिव पाए गए थे, वहीं वर्ष 2015 में ये आंकड़ा बढ़कर 5970 पर पहुंच गया था। इसके अलावा गत वर्ष 17 मरीज डेंगू के भी पाए गए थे।

ये भी खास-खास
7 लाख 39 हजार है जिले की आबादी।
2 लाख 80 हजार लोगों पर मलेरिया का ज्यादा संकट।
90 उपस्वास्थ्य केंद्र हैं जिले भर में कुल।
61 उपस्वास्थ्य केंद्र हैं जिले में अतिसंवेदनशील मलेरिया के लिहाज से

61 उपस्वास्थ्य केंद्रों के दायरे में है ये 267 गांव
मलेरिया विभाग द्वारा बनाई गई वार्षिक रिपोर्ट में जिन 267 गांवों को मलेरिया के लिहाज से अतिसंवेदनशील चिह्नित किया गया है, वे सभी गांव जिले के 61 उपस्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत आते हैं। हांलाकि जिले में कुल 90 उपस्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। पर, 61 उपस्वास्थ्य केंद्रों के गांव अतिसंवेदनीशल होने से जाहिर है कि जिले का लगभग 60 फीसदी क्षेत्र मलेरिया के मुहाने पर खड़ा है।

पिछले तीन साल के मलेरिया की स्थिति के आधार पर इस बार 5 या 5 एपीआई से ज्यादा वाले गांवों की संख्या 26 7 पाई गई है, लेकिन हम दवा छिड़काव और अन्य नियंत्रण उपायों की कार्ययोजना बना रहे हैं।
“कीरत सिंह कवाचे, बीवीडी कंसलटेट, मलेरिया विभाग श्योपुर

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