दिसम्बर माह में मिले थे 50 हजार
बरगवां गौशाला के लिए दिसम्बर माह में गणेश स्वसहायता समूह को 50 हजार मिले थे। समूह की अध्यक्ष सुनीता प्रजापति का कहना है कि इस राशि में से 32 हजार का घास खरीद लिया है। शेष 28 हजार में पानी के खेर का मेंटिनेंस और गोबर हटाने के लिए तसल्ल, फावड़ा केंचुआ कम्पोजस्ट चारागाह निर्माण में राशि खर्च हो गई। ऐसे में एक सैंकडा गायों को 32 हजार का घास दो महीने में खिला दी। अब उधार लेकर गायों के चारे की व्यवस्था कर रहे हैं।
जिले में बननी थीं 16 गौशाला
जिले में 16 गौशाला बनना थीं। लेकिन अभी तक सिर्फ दो का निर्माण हो सका है। 16 गौशाला में 1600 गौवंश रखने की व्यवस्था है। जबकि जिले में 16 हजार 500 निराश्रित गौवंश सडक़ पर घूम रहा है। ऐसे में इन गौशालाओं के बनने के बाद भी 14 हजार 900 गौवंश सडक़ों पर ही घूमेगा। गौशाला बनने के बाद भी आवारा गौवंश की समस्या खत्म नहीं होगी। बरगवां गौशाला बनकर तैयार होने के बाद गौवंश रखा गया, लेकिन यहां बजट का संकट खड़ा होने से गौवंश की स्थिति सुधरने की बजाय बिगडऩे लगी है।
फैक्ट फाइल
16500 जिले में कुल निराश्रित गौवंश
16 जिले में स्वीकृत गौशाला
100-100 गौवंश रखने की क्षमता गौशालाओं में
14900 गौवंश गौशाला बनने के बाद भी सडक़ पर रहेगा
2 गौशाला बनकर तैयार
1 बरगवां गौशाला में गौवंश को चारे का संकट
हमें जितना बजट मिला था। अब वह खत्म हो गया है। पैसा उधार लेकर चारे की व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन 100 गायों के लिए चारा पर्याप्त नहीं हो पा रहा है।
सुनीता प्रजापति
अध्यक्ष, गणेश स्वसहायता समूह बरगवां