उम्मीद से आए थे..मायूस होकर लौटे
– लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में उलझी लोगोंकी शिकायत- अफसर बैठक में व्यस्त, पीडि़त काट रहे दफ्तरों के चक्कर
उम्मीद से आए थे..मायूस होकर लौटे
श्योपुर
सरकारी दफ्तरों में आने वाले फरियादी मायूस होकर लौट रहे हैं। समस्या कैसी भी हो, जवाब एक ही है। आचार संहिता लगी है, फिर आना। तहसील से लेकर कलक्ट्रेट कार्यालय तक अफसर बैठकों में व्यस्त हैं। ऐसे में सभी दफ्तरों में कमोबेश हाल यह है कि पीडि़त समस्या लेकर पहुंच तो रहे हैं, लेकिन अफसरों के नहीं मिलने के कारण उन्हें दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
७५ वर्षीय एक बुजुर्ग पंडोला गांव से अपनी समस्या का समाधान होने की उम्मीद से कलक्ट्रेट पहुंचे थे। कलक्ट्रेट पहुंचने पर जब उन्हें पता चला कि जनसुनवाई नहीं होगी, तो वे कलक्टर से मिलने पहुंच गए, लेकिन कलक्टर के न मिलने पर निराश होकर वापस लौटना पड़ा। ऐसे तमाम पीडि़त कलक्ट्रेट कार्यालय में खड़े थे, लेकिन उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं था।
जरुरी काम टाल रहे अफसर
आचार संहिता लगने के बाद से जनसुनवाई बंद होने से आमजन की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। अफसर शिकायत लेकर पहुंचने वाले लोगों के काम करने से कतरा रहे हैं। पेंशन, राशन, पीएम आवास, नकल, जाति-प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है।