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श्योपुर

टूरिज्म संभावना तलाशने कलेक्टर ने देखा आमेट का किला

– देव खो और किला को विकसित करने शुरू होगी पहल

श्योपुरFeb 20, 2020 / 11:18 am

Anoop Bhargava

टूरिज्म संभावना तलाशने कलेक्टर ने देखा आमेट का किला

टूरिज्म संभावना तलाशने कलेक्टर ने देखा आमेट का किला

श्योपुर/कराहल
प्राकृतिक सुंदरता के लिए पहचाने जाने वाला देवखो और खंडर में तब्दील हुए किला को विकसित कर इको टूरिज्म की संभावना तलाशने कलेक्टर प्रतिभा पाल ने निरीक्षण किया। कलेक्टर पाल के साथ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्ष सिंह भी थे। अफसरों ने प्रारंभिक तौर पर आमेट किला देखा और इको टूरिज्म संभावनाएं तलाशी। किले पर हेरीटेज होटल बनाए जाने के साथ अन्य पहलू पर अफसरों के बीच चर्चा हुई। आमेट का यह क्षेत्र कूनो वन्य प्राणी अभयारण्य का हिस्सा भी है।
खंडर में तब्दील आमेट किले का निरीक्षण करने के साथ कलेक्टर पाल ने ग्रामीणों से भी चर्चा की। उल्लेखनीय है कि ेदेवखो को बीते एक साल पहले कूनो वन अभयारण्य में होने के कारण विकसित किया गया था। कलेक्टर ने यहां अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की संभावनाओं की जानकारी जुटाई। किले से ढेड़ किमी दूर देवो में महादेव का पवित्र स्थान है। यहां गौमुख से प्राकृतिक रूप से बहने वाला पानी 12 महीनों अभयारण्य के जंगली जानवरों की प्यास बुझाता है यही वजह है यह क्षेत्र हरियाली से भरपूर है। आमेट कि़ले की तहलटी में कई स्थान है जहां प्राकृतिक रूप से पानी के कई स्त्रोत है।
एक मान्यता के लिए भी प्रसिद्ध है किला
आमेट का किला एक मान्यता के लिए प्रसिद्ध हैं। बताते हैं कि यहां एक रात तोता को रखने से उसकी जुबां खुल जाती है। यह मान्यता आदिकाल से चली आ रही है। यही वजह है कि घरों में पालने के लिए आमेट किले के तोतों की मांग की जाती है। आमेट के तोता की कीमत भी अच्छी खासी रहती है। आमेट का तोता एक हजार से पांच हजार रुपए की कीमत में बिकता है।
वर्जन
इस क्षेत्र में ईको टूरिज्म की संभावनाएं तलाशने गए थे। यह क्षेत्र पर्यटन के लिहाज से कितना बेहतर हो सकता है फिलहाल यह देखा है। वैसे इसे इको टूरिज्म के लिए विकसित किया जा सकता है।
प्रतिभा पाल
कलेक्टर, श्योपुर
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