जंडेल ने कहा- उप-चुनाव में मुझे पोहरी विधानसभा सीट का प्रभारी बनाया गया था लेकिन टिकट कमलनाथ ने खुद की अपनी मर्जी से दिया जो जनभावना के खिलाफ था। समझ ही नहीं आ रहा था कि टिकट उप-चुनाव जिताने के लिए दिए जा रहे हैं या हारने के लिए। उन्होंने कहा कि 2018 में हुए चुनाव के बाद दिग्विजय सिंह चाहते तो अपने बेटे जयवर्धन सिंह को सीएम बना सकते थे, लेकिन उन्होंने कमलनाथ को चुना। इसके बाद भी कमलनाथ ने उन्हें प्रदेश में ऐसा बता दिया कि जैसे दिग्विजय सिंह के कारण पार्टी उप-चुनाव हार जाएगी और उन्हें पीछे रखते हुए छवि बिगड़ी।