scriptऔषधीय गुणों की खान पर संकट | Crisis on mine of medicinal properties | Patrika News
श्योपुर

औषधीय गुणों की खान पर संकट

व्यापारियों और कंपनियों से खरीदना किया बंद

श्योपुरSep 21, 2019 / 12:06 pm

Anoop Bhargava

sheopur

औषधीय गुणों की खान पर संकट

श्योपुर
औषधीय गुणों की खान आंवला दमतोड़ रहा है। इसे बचाने के लिए न तो प्रशासनिक अफसर कुछ कर रहे हैं न ही वन विभाग। धीरे-धीरे आंवला विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गया है। इससे इसके उत्पादन पर भी असर पड़ा है। जंगल से कच्चे आंवले कासंग्रहण होने से 15 साल में उत्पादन पांच हजार क्विंटल से घट कर पांच सौ क्विंटल तक पहुंचा है।
मुनाफा कमाने के लिए छोटे व्यापारियों कच्चा आंवला तुड़वा रहे हंै। ऐसे में आंवला पकने से पहले तोड़ लिए जाने से उसके औषधीय गुण कम होने लगे हैं। जिससे आंवले की पकड़आयुवैदिक कंपनियों में कम हो गई है। उन्होंने जंगल के आंवले को लेना बंद कर दिया है। वहीं थोक व्यापारियों ने आंवले के दाम आधे कर दिए हैं।
कम हुआ आंवले का क्रेज
व्यापारी संजय गुप्ता कहते हैं कि जंगली आंवला चार गुना गुणकारी होता है। इसलिए कराहल के आंवले की मांग आयुवैदिक कंपनियां अधिक करती है, लेकिन अधिक दाम कमाने के चक्कर मे छोटे व्यापारी आदिवासी संग्राहकों को एडवांस पैसा देकर कच्चा छोटा आंवला तुड़वा रहे हैं। इससे व्यापार के साथ आदिवासी संग्राहकों का रोजगार छिनता नजर आ रहा है।
इनका कहना है
हम गांव-गांव जाकर संग्राहकों के साथ सामूहिक बैठक कर वनोपज को कच्चा न तोडने, तोड़ते समय पेड़ों को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचे इसलिए जागरूक करते हैं। बावजूद इसके संग्रहक नहीं मान रहे हैं। यही वजह है कि आंवले का उत्पादन कम हुआ है।
वीरेंद्र पाराशर
सेंटर प्रभारी, मध्यप्रदेश विज्ञान सभा, कराहल

Home / Sheopur / औषधीय गुणों की खान पर संकट

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो