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श्योपुर

जिला प्रशासन करेगा गिर गाय के दूध की ब्रांडिंग

श्योपुर में गिर गाय के दूध की गुणवत्ता और पशुपालन को बढ़ावा देने जिला प्रशासन ने बनाया प्लान, समूह की महिलाओं को दी जाएगी 500 गिर गाय, दूध की खरीदी करेगा एनआरएलएम और पैकिंग कर करेगा सप्लाई

श्योपुरFeb 21, 2020 / 08:12 pm

jay singh gurjar

जिला प्रशासन करेगा गिर गाय के दूध की ब्रांडिंग

जिला प्रशासन करेगा गिर गाय के दूध की ब्रांडिंग

यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अब जल्द ही गिर गाय का पौष्टिक और गुणवत्तायुक्त दूध श्योपुर जिले की पहचान बनेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि गुणवत्तायुक्त गिर गाय के दूध को आजीविका का स्रोत बनाने और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन न केवल इसकी ब्रांडिंग करेगा बल्कि गिर का दूध और अन्य दुग्ध उत्पाद को बेचेगा भी।
इसके लिए एनआरएलएम के समूह की महिलाओं को गिर गायें दी जाएगी, वहीं एनआरएलएम ही इन समूहों से दूध खरीदकर शहर में बेचेगा और बाहर सप्लाई भी करेगा। जिले के गोरस क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में गिर गायों की प्रजाति पाए जाने के कारण प्रशासन ने इसकी ब्रांडिंग करने के लिए ‘गिर गोरस फ्रेशÓ नाम से ब्रांड तैयार किया है।
श्योपुर जिले में 20वीं पशु संगणना के मुताबिक 7 लाख 77 हजार पशु हैं। इनमें गायों की संख्या 2 लाख 64 हजार है। हालांकि कई प्रजाति की गाय यहां हैं, लेकिन गिर प्रजाति की गाय भी यहां बहुतायत में है। गोरस और आसपास के दो दर्जन गांव गिर गाय पालन के लिए ही पहचाने जाते हैं। चूंकि गिर गाय का दूध सबसे ज्यादा उत्तम और गुणवत्तायुक्त माना गया है, लिहाजा प्रशासन ने इस दूध की ब्रांडिंग करने का बीड़ा उठाया है, ताकि पशु संपदा और दुग्ध संपदा से परिपूर्ण श्योपुर जिले में गिर गाय के दूध का अपना अलग ब्रांड हो, साथ ही इससे एनआरएलएम की समूह की महिलाओं की आजीविका का एक नया स्रोत बनाया जा सके। यही वजह है कि जिला प्रशासन ने गिर गाय के दूध के लिए ‘गिर गोरस फ्रेशÓ नाम से ब्रांड बनाया है। जिसमें पैक्ड और खुला दूध न केवल स्थानीयस्तर पर बेचा जाएगा बल्कि ग्वालियर-दिल्ली तक भी सप्लाई किया जाएगा।
एनआरएलएम लगाएगा चिलर प्लांट
जिला प्रशासन ने जो योजना बनाई है, उसके मुताबिक एनआरएलएम से जुड़ी स्वसहायता समूह की महिलाओं को नाबार्ड के वित्तीय सहयोग से गिर गाय प्रदान की जाएगी। लगभग 500 की संख्या में ये गिर गाय विभिन्न गांवों में महिलाओं की दी जाएगी। वहीं एनआरएलएम द्वारा एक मिल्क चिलर प्लांट लगाया जाएगा। जिसमें इन समूहों से दूध खरीदकर लाया जाएगा और पैकिंग की गई जाएगी, साथ ही दूध, दही और पनीर भी तैयार होगा। गिर का दूध और दुग्ध उत्पाद आजीविका के शुरू होने वाले आजीविका रूरल मार्ट से बेचे जाएंगे।
मिल्क एटीएम से भी मिलेगा दूध
शहर में गिर का पैक्ड दूध तो बेचा जाएगा ही, साथ ही आजीविका रूरल मार्ट प्रांगण में हम एक मिल्क एटीएम भी लगाया जाएगा, जिसमें लोग पैसे डालकर या हमारे यहां से दिए जाने वाला कूपन डालकर बोतल में दूध ले सकेंगे। इसके साथ ही यहां आधा लीटर और एक लीटर के दूध पैक रहेंगे, वहीं ये पैकेट अन्य शहरों में भी सप्लाई होंगे। बताया गया है कि गिर के दूध की सप्लाई के लिए दिल्ली की मदर डेयरी से भी हमारा अनुबंध किया जा रहा है।
गिर के दूध में है ए-2 स्टैंडर्ड का प्रोटीन
एनआरएलएम के डीपीएम डॉ.सोहनकृष्ण मुदगल ने बताया देशी गिर गाय के दूध में पाया जाने वाला मूल बीटा केसीन प्रोटीन होता है। दूध का प्रोटीन 80 फीसदी केसीन से बना होता है। देशी गिर गाय के दूध में 100 प्रतिशत ए-2 बीटा केसीन होता है, जो ज्यादा पौष्टिक होता है। वैज्ञानिकों ने भी खोज में पाया कि ए-2 दूध का पाचन आसान होता है। मुदगल के मुताबिक गिर गाय का दूध ए-2 स्टैंडर्ड का रहता है, जो सबसे सर्वोत्तम होता है, मां के दूध के बाद सबसे उत्तम दूध ए-2 मानक का माना गया है।
श्योपुर में गिर प्रजाति की गाय काफी संख्या में है और गिर गाय का दूध सबसे गुणवत्तायुक्त रहता है। इसीलिए हमने इसकी ब्रांडिंग का निर्णय लिया है। इसके लिए प्लान बना लिया है, मंजूरी मिलते ही इसे धरातल पर क्रियान्वित करेंगे।
हर्ष सिंह
सीइओ, जिला पंचायत श्योपुर

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