scriptशहर में जब लगा था कफ्र्यू, तब भी नहीं थमी गीता पाठ की धुन | Even when the curfew was imposed in the city, the tune of Geeta text | Patrika News
श्योपुर

शहर में जब लगा था कफ्र्यू, तब भी नहीं थमी गीता पाठ की धुन

श्योपुर के गीता भवन में बीते 63 सालों से सुबह शाम होता है सत्संग
 
 

श्योपुरDec 07, 2019 / 11:36 pm

Vivek Shrivastav

शहर में जब लगा था कफ्र्यू, तब भी नहीं थमी गीता पाठ की धुन

शहर में जब लगा था कफ्र्यू, तब भी नहीं थमी गीता पाठ की धुन

श्योपुर. आस्था और सत्संग की ऐसी परंपरा, जो कफ्र्यूू के दौरान भी नहीं थमी और बीते 63 सालों से अनवरत जारी है। ये परंपरा है शहर के गीता सत्संग भवन में जहां बीते 63 सालों से प्रतिदिन न केवल सत्संग होता है बल्कि गीता और रामायण का भी सामूहिक पाठ होता है, वो भी बिना किसी व्यवधान या नागा के। विशेष बात यह है कि गीता पाठ की ये परंपरा तब भी नहीं थमी, जब 40 साल पूर्व जिला बनाओ आंदोलन के दौरान शहर में कफ्र्यू भी लगा था।

यही वजह है कि बीते 63 सालों से गीता भवन अद्वितीय आस्था का केंद्र बना हुआ है। बताया गया है कि संत स्वामी कृष्णानंद जी महाराज ने लगभग 63 वर्ष पूर्व श्योपुर पहुंचकर गीता सत्संग भवन की स्थापना की। जिसके बाद उनके अनुयायियों ने तभी से ही गीता पाठ, रामायण पाठ और कीर्तन का जाप शुरू किया। इसके बाद शुरू हुआ यह सिलसिला आज भी अनवरत जारी है। इसमें श्रद्धालुओं के सामने कभी न तो मौसम की बाधा आई और न ही अन्य कोई विपदा। यही वजह है कि गीता भवन में में सुबह शाम गीता सत्संग भवन में न गीता पाठ और रामायण का पाठ भी किया जा रहा है, बल्कि हरे राम, हरे कृष्ण…, का जाप भी अनवरत चलता है। प्रतिदिन लगभग एक सैकड़ा श्रद्धालु सुबह शाम गीता भवन में जुटते हैं और सत्संग करते हैं।
आज निकलेगा चल समारोह

गीता सत्संग भवन में आज गीता जयंती भी समारेाहपूर्वक मनाई जाएगी। गीता जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को शहर में अल सुबह प्रभात फैरी निकाली जाएगी। इसके बाद सुबह साढ़े आठ बजे गीता भवन में सामूहिक गीता पाठ और फिर गीता गोपाल, स्वामी कृष्णानंद महाराज और वेदव्यासजी का सामूहिक पूजन होगा। इसके बाद दोपहर में शहर में शोभायात्रा निकाली जाएगी।
संवत् 2027 में मिला स्वयं का भवन

बताया गया है कि 63 वर्ष से प्रारंभ हुआ गीता भवन शुरूआत में स्थाई भवन के अभाव में गिर्राज घाट, टोड़ी गणेश मंदिर भवन, नवग्रह मंदिर में संचालित होता था। उसके बाद संवत् 2027 में पंडित पाड़ा में नया भवन बनाया गया। यहां सुबह 6 से 9.30 बजे तक तथा शाम को साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक पूजा अर्चना के साथ ही गीता पाठ, रामायण पाठ होता है। इसके अलावा जिले के मानपुर, अजापुरा, जैनी, सोंठवा, कूंड, कनापुर, किशोरपुरा, काठौदी आदि गांवों में भी गीता भवन संचालित है, जो अलग अलग वर्षों में स्थापित हुए और उनमें सत्संग जारी है।

Home / Sheopur / शहर में जब लगा था कफ्र्यू, तब भी नहीं थमी गीता पाठ की धुन

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो