यही वजह है कि बीते 63 सालों से गीता भवन अद्वितीय आस्था का केंद्र बना हुआ है। बताया गया है कि संत स्वामी कृष्णानंद जी महाराज ने लगभग 63 वर्ष पूर्व श्योपुर पहुंचकर गीता सत्संग भवन की स्थापना की। जिसके बाद उनके अनुयायियों ने तभी से ही गीता पाठ, रामायण पाठ और कीर्तन का जाप शुरू किया। इसके बाद शुरू हुआ यह सिलसिला आज भी अनवरत जारी है। इसमें श्रद्धालुओं के सामने कभी न तो मौसम की बाधा आई और न ही अन्य कोई विपदा। यही वजह है कि गीता भवन में में सुबह शाम गीता सत्संग भवन में न गीता पाठ और रामायण का पाठ भी किया जा रहा है, बल्कि हरे राम, हरे कृष्ण…, का जाप भी अनवरत चलता है। प्रतिदिन लगभग एक सैकड़ा श्रद्धालु सुबह शाम गीता भवन में जुटते हैं और सत्संग करते हैं।
आज निकलेगा चल समारोह गीता सत्संग भवन में आज गीता जयंती भी समारेाहपूर्वक मनाई जाएगी। गीता जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को शहर में अल सुबह प्रभात फैरी निकाली जाएगी। इसके बाद सुबह साढ़े आठ बजे गीता भवन में सामूहिक गीता पाठ और फिर गीता गोपाल, स्वामी कृष्णानंद महाराज और वेदव्यासजी का सामूहिक पूजन होगा। इसके बाद दोपहर में शहर में शोभायात्रा निकाली जाएगी।
संवत् 2027 में मिला स्वयं का भवन बताया गया है कि 63 वर्ष से प्रारंभ हुआ गीता भवन शुरूआत में स्थाई भवन के अभाव में गिर्राज घाट, टोड़ी गणेश मंदिर भवन, नवग्रह मंदिर में संचालित होता था। उसके बाद संवत् 2027 में पंडित पाड़ा में नया भवन बनाया गया। यहां सुबह 6 से 9.30 बजे तक तथा शाम को साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक पूजा अर्चना के साथ ही गीता पाठ, रामायण पाठ होता है। इसके अलावा जिले के मानपुर, अजापुरा, जैनी, सोंठवा, कूंड, कनापुर, किशोरपुरा, काठौदी आदि गांवों में भी गीता भवन संचालित है, जो अलग अलग वर्षों में स्थापित हुए और उनमें सत्संग जारी है।