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श्योपुर

पांच डॉक्टर,तीन मशीन,फिर भी वेटिंग

-जिला अस्पताल में सोनोग्राफी जांच के लिए मरीजो को लगना पड़ रहा लाइन में -सोनोग्राफी जांच के लिए लाइन सिस्टम पर प्रभारी मंत्री भी जता चुके है नाराजगी

श्योपुरFeb 17, 2019 / 08:49 pm

Laxmi Narayan

sheopur

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श्योपुर,
200 बिस्तरीय हो चुके श्योपुर के जिला अस्पताल में महिला मरीजों को सोनोग्राफी जांच के लिए १२ दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि जिला अस्पताल में तीन सोनोग्राफी जांच मशीने रखी हुई है और सोनोग्राफी जांच करने का अधिकार पांच डॉक्टरों के पास है। वावजूद इसके सोनोग्राफी जांच के लिए १२ दिन का इंतजार करने की स्थितियां बन रही है,जो अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर कर रही है। इस लापरवाही पर जिले के प्रभारी मंत्री लाखन सिंह यादव भी नाराजगी जताते हुए लाइन सिस्टम को खत्म कर स्थितियों में सुधार करने की हिदायत दे चुके है।
जिला अस्पताल में इन दिनों दो सोनोग्रॉफी जांच मशीने चल रही है। वहीं एक मशीन रिजर्व में रखी हुई है। सोनोग्रॉफी जांच करने का अधिकार जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ बीएल यादव, डॉ सीमा शाक्य,डॉ बीआर बंसल, डॉ महेश गुप्ता, डॉ एसएन बिंदल के पास है। इसके बाद भी जिला अस्पताल में सोनोग्राफी जांच के लिए पहुंचने वाले मरीजों को १२ दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। महिला मरीजों का कहना है कि सोनोग्राफी जांच करने का पर्चा लेकर जांच कक्ष में पहुंचते है तो वहां न सिर्फ महिलाओं की लाइन लगी रहती है और बल्कि १२ दिन बाद आने का नंबर देकर लौटा दिया जाता है। ऐसे में जांच के लिए १२ दिन इंतजार के बाद फिर से जिला अस्पताल जाने की मजबूरी बन रही है। इससे जाहिर हो रहा है कि सोनोग्राफी जांच करने में डॉक्टरों के द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। लोगों का कहना है कि जब जिला अस्पताल में सोनोग्राफी जांच करने वाले पांच डॉक्टर है तो फिर तीनों मशीनों पर जांचे क्यों नहीं की जा रही है। यदि ऐसा किया जाए तो १२ दिन की वेटिंग की समस्या खत्म हो जाएगी।
प्रशिक्षण ले चुके है,फिर भी नहीं कर रहे जांच
सोनोग्राफी जांच के लिए महिला मरीजों के परेशान होने का प्रमुख कारण डॉक्टरों की लापरवाही है। क्योंकि प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके डॉक्टर भी सोनोग्राफी जांचे नहीं कर रहे है। अस्पताल प्रबंधन के सूत्रों का कहना है कि जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ एसएन बिंदल सोनोग्राफी जांच करने का प्रशिक्षण ले चुके है। मगर इसके बाद भी उनके द्वारा जब से प्रशिक्षण लिया,तब से अभी तक एक भी सोनोग्राफी जांच नहीं की गई। ऐसे में उनको सोनोग्राफी जांच करने का प्रशिक्षण दिलाने में खर्च हुई सरकारी राशि अनुपयोगी साबित होकर रह गई।
वर्जन
सोनोग्राफी जांच की वेटिंग कम हो,इसके लिए जल्द ही डॉक्टरों की बैठक बुलाकर निर्देश दिए जाएंगे। इस मामले को लेकर प्रभारी मंत्री ने भी निर्देशित किया है।
डॉ आरबी गोयल
सिविल सर्जन,श्योपुर
फैक्ट फाइल
०3-सोनोग्राफी जांच मशीने है जिला अस्पताल में
05-डॉक्टरों को है जांच करने का अधिकार
72-के आसपास मरीजों की जांच प्रतिदिन लिख रहे डॉक्टर
48-के आसपास मरीजों की प्रतिदिन हो रही जांचे

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