हालांकि कूनो नेशनल पार्क एशियाई शरों के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन गुजरात सरकार के अड़़ंगे के कारण शेरों की शिफ्ंिटग अटकी हुई है। हालांकि अप्रैल 2013 में ही सुप्रीम कोर्ट ने शेर शिफ्ंिटग के आदेश दिए थे, लेकिन उसके बाद से लगभग छह साल हो गए, अभी शेर नहीं आए है। जबकि प्रदेश सरकार ने कूनो का न केवल एरिया दुगुना कर दिया है बल्कि नेशनल पार्क का दर्जा भी दे दिया है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री कमलनाथ की चिट्ठी और भारतीय वन्यजीव संस्थान की हरी झंडी के बाद उम्मीद है कि इसी वर्ष शेरों की दहाड़ कूनों में सुनाई देने लगे।
कांग्रेस सरकार प्रतिबद्ध
हम बीते एक दशक में कई आंदोलन कर चुके हैं और जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो हमने मुख्यमंत्री के समक्ष मामले को रखा है। ऐसे में सीएम कमलनाथ द्वारा प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखना कांग्रेस सरकार की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित करता है। निश्चित रूप से उम्मीद है कि कूनो में जल्द शेर दहाड़ेंगे।
अतुल चौहान
संयोजक, कूनो में शेर लाओ संघर्ष समिति श्येापुर