राज्य शासन के द्वारा स्वरोजगार योजनाओं के लिए अभी दो तरह की योजनाओं का संचालन किया जाता है। इसमें मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना कुछ समय पहले किसानों को भी उद्यमी बनाने के लिए मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना प्रारंभ की गई। पहले के नियमों में ऐसी कोई बात सामने नहीं आती थी कि जिन आवेदकों के परिवार की पृष्ठभूमि व्यापारिक या औद्योगिक क्षेत्र की हो तो उसे ऋण लेने में कोई बड़ा व्यवधान आएगा।
अब दो करोड़ तक ऋण
उद्यमी और स्वरोजगार योजना में परियोजना के लिए अब ज्यादा ऋण मिल सकेगा। पहले युवा उद्यमी योजना में परियोजना लागत का १० लाख से एक करोड़ तक का ऋण मिलता था। अब यह १० लाख से दो करोड़ रुपए तक कर दिया गया है। स्वरोजगार योजना में २० हजार से १० लाख रुपए तक ऋण मिलता था। अब ५० हजार से १० लाख कर दिया गया है।
200 का मिला है लक्ष्य
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में जिले को २०० का लक्ष्य मिला है। विभागीय सूत्र बताते है कि लक्ष्य के मुताबिक प्रकरण भी २०० स्वीकृत हो गए है। जबकि १६० के करीब आवेदकों को ऋण का वितरण भी हो चुका है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में १२ का लक्ष्य मिला था। जिसमें ९ प्रकरण स्वीकृत हो गए है। जबकि ४ प्रकरणों में ऋण का भी वितरण हो चुका है।
स्वरोजगार योजनाओं में नए पात्रता संबंधी नियम आ गए है। जिससे लक्ष्य पूर्ति में थोड़ी मुश्किलें हो सकती है। मगर शासन के आदेश है, इसलिए इनका पालन करना होगा।
राजेन्द्र सिंह, महाप्रबंधक,जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र श्योपुर