वहीं पिछले लोकसभा चुनावों पर नजर डालें तो मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट पर यूं तो सीधी लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रही है, लेकिन यहां बसपा वोट काटने की भूमिका में नजर आती है, जबकि अन्य छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार तो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाते। 2019 के लोकसभा चुनाव की स्थिति देखें तो भाजपा पहले स्थान पर रही, जबकि कांग्रेस दूसरे और बसपा तीसरे स्थान पर रही।
2014 में परिणाम उलटा रहा 2014 के लोकसभा चुनाव में इसका थोड़ा उलटा परिणाम दिखा, जिसमें भाजपा तो पहले स्थान पर रही, लेकिन बसपा दूसरे पर आ गई और कांग्रेस तीसरे पर पहुंच गई। इस चुनाव में कांग्रेस से 7 फीसदी ज्यादा वोट बसपा को मिले। वहीं वर्ष 2009 में कांग्रेस दूसरे और बसपा तीसरे स्थान पर रही। यही वजह है कि अब वर्ष 2024 के चुनाव के लिए कांग्रेस और बसपा के उम्मीदवारों पर सबकी नजरें हैं।
2019 में तीन मुख्य दलों को मिले वोट दल -वोट- प्रतिशत भाजपा -541689- 47.63 कांग्रेस -428348 -37.66 बसपा -129380- 11.38 वर्ष 2014 में तीन मुख्य दलों को मिले वोट
दल वोट प्रतिशत भाजपा -375567 -44.21 बसपा -242586 -28.56 कांग्रेस -184253- 21.69 वर्ष 2009 में तीन मुख्य दलों को मिले वोट दल -वोट -प्रतिशत भाजपा -300647- 42.30 कांग्रेस- 199650 -28.09
बसपा -142073- 19.99