scriptटेंडर के चार माह बाद भी नहीं हो पाई नेशनल हाईवे की मरम्मत | National highway could not be repaired even after four months of tende | Patrika News
श्योपुर

टेंडर के चार माह बाद भी नहीं हो पाई नेशनल हाईवे की मरम्मत

पाली से श्योपुर गोरस होते हुए श्यामपुर तक 32 किमी में होना है मेंटेनेंस, फरवरी में ही हो चुके हैं 40 लाख रुपए के टेंडर

श्योपुरJun 02, 2020 / 10:53 pm

महेंद्र राजोरे

टेंडर के चार माह बाद भी नहीं हो पाई नेशनल हाईवे की मरम्मत

सोंईकला में एनएच के बीच हो रहे गड्ढे।

श्योपुर. श्योपुर से गुजर रहे नेशनल हाईवे के मेंटेनेंस के लिए भले ही संबंधित महकमा चार माह पूर्व टेंडर करा चुका हो, लेकिन धरातल पर अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है, जिसके चलते हाईवे के बड़े-बड़े गड्ढे आए दिन हादसे का सबब बन रहे हैं। विशेष बात यह है कि एक पखवाड़े बाद बारिश दस्तक दे देगी, तो फिर जहां काम नहीं हो पाएगा, वहीं हाईवे के गड्ढे मुसीबत ज्यादा बढ़ा देंगे। बावजूद इसके पीडब्ल्यूडी-एनएच के अफसरों ने अभी तक ध्यान नहीं है, जबकि सरकार ने लॉकडाउन-3 में ही सड़कों के निर्माण को मंजूरी दे दी थी।
राजस्थान के टोंक से श्योपुर-मुरैना होकर चिरगांव (झांसी) तक के रास्ते केा गत वर्ष नेशनल हाईवे 552 एक्सटेंशन घोषित किया गया। हालांकि पूरे हाईवे के निर्माण के लिए अलग प्रक्रिया चल रही है, लेकिन हाईवे की मरम्मत के लिए गत वर्ष के अंत में एनएच-पीडब्ल्यूडी विभाग ने प्रस्ताव तैयार किए। जिसमें श्योपुर जिले में भी राजस्थान बॉर्डर के पाली चंबल पुल से लेकर श्योपुर और गोरस होते हुए श्यामपुर तक 32 किलोमीटर का रिन्युअल कार्य मंजूर किया गया। जिसके लिए गत फरवरी माह में लगभग 40 लाख रुपए की लागत से टेंडर भी हो गए, बावजूद इसके धरातल पर अभी तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जिसके चलते हाईवे पर कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं। इस रिन्युअल कार्य में चंबल पुल से गोरस तक 24 किलोमीटर और गोरस से श्यामपुर वाले मार्ग पर 8 किमी की लंबाई में कार्य किया जाना है। हालांकि अफसर जल्द ही कार्य शुरू करने की बात कहते हैं, लेकिन जून के दूसरे पखवाड़े में मानसून आ जाएगा, लिहाजा फिर काम अटक जाएगा।
दांतरदा में सड़क बनाई, नाला अधूरा छोड़ा


एक दशक पहले एमपीआरडीसी द्वारा बनाए गए पाली-श्योपुर हाईवे में दांतरदा में बड़े गड्ढे पर भले ही एनएच-पीडब्ल्यूडी ने दुरुस्त कराकर डामर करा दिया हो, लेकिन नाला अधूरा ही छोड़ दिया है, जिससे बारिश का पानी सड़क किनारे के घरों में भरेगा। यहां 100 मीटर के इस टुकड़े पर सड़क और नाला बनाने के लिए एनएच-पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने अलग से टेंडर जारी किए थे, लेकिन ठेकेदार ने सड़क बना दी और नाला अभी कच्चा ही है, जिसके कारण ढाक के तीन पात वाली स्थिति नजर आ रही है।
…इधर अलग-अलग पार्ट में होगा पूरे एनएच का पुनर्निर्माण, विभाग ने बनाए प्रस्ताव

टोंक-चिरगांव (झांसी) तक के 612 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे में मध्यप्रदेश की सीमा के हाइवे के पुनर्निर्माण के लिए भी कवायद चल रही है, जिसमें विभाग द्वारा जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही की जा रही है। बताया गया है कि इस हाईवे का विभाग अलग-अलग पार्ट में टेंडर और निर्माण कराएगा, जिसके लिए प्रस्ताव बनाए गए हैं। इसमें श्योपुर जिले की सीमा में 149 किलोमीटर (पाली चंबल पुल से श्योपुर, गोरस, श्यामपुर होकर कैमारा तक) लंबाई में इस एनएच-552 एक्सटेंशन का निर्माण होगा। जिसमें पाली से गोरस, गोरस से श्यामपुर और श्यामपुर से सबलगढ़ तक के अलग-अलग टेंडर होंगे। इसमें श्योपुर शहर, गोरस, श्यामपुर और वीरपुर में बायपास भी बनेंगे। साथ ही पूरे हाईवे की चौड़ाई 10 मीटर होगी।
ये बात सही कि पाली से श्योपुर, गोरस होते हुए श्यामपुर तक में 32 किमी का रिन्युअल कार्य होना है, जिसके टेंडर भी फरवरी में हो गए हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से काम नहीं हो पाया है। जल्द ही काम शुरू कराएंगे और बारिश से पहले कंपलीट करा देंगे।
विजय अवस्थी, सब इंजीनियर, एनएच-पीडब्ल्यूडी श्योपुर

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