नायब तहसीलदार से प्रबंधक की मोबाइल पर बात कराई लेकिन प्रबंधक ने उनकी बात को यह कहते हुए अनसुना कर दिया गया कि आपके कहने से निधि नहीं दे सकता। अगर खातों से रोक हटानी है तो क्षेत्रीय प्रबंधक को पत्राचार करना होगा। गसवानी क्षेत्र की एसबीआइ शाखा के अंतर्गत एक सैंकडा से ज्यादा किसान ऐसे हैं जिनके खाते पर पुराना कर्ज बताकर रोक लगा दी गई है जबकि किसानों का कहना है अगर हमारे पास या हमारे पिता के पास बैंक का कर्ज था तो अब तक क्यों नहीं बताया और किसान सम्मान निधि क्यों नहीं रोकी आखिरी माह के बाद एक जनवरी को जो किश्त केन्द्र सरकार से डाली गई उस पर ही रोक लगाई गई है।
बैंक प्रबंधन बोले- केवाइसी के चलते लगी रोक
गसवानी शाखा के बैंक प्रबंधन ने बताया है कि हमने निजी तौर पर किसी के भी खाते पर रोक नहीं लगाई है जैसे-जैसे खातेधारकों के खाते केवाईसी से जुड रहे हैं ऊपर से ही स्वत: रोक लग रही है इसमें हम क्या कर सकते हैं । अगर खातेधारक को कोई परेशानी है तो वह क्षेत्रीय कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकता है ।
एक सैंकड़ा से ज्यादा खाते पर लगी रोक
एक सैंकड़ा से ज्यादा किसान खातेधारकों के खातों पर रोक लगाई गई है उनमें गसवानी , बढौदाकला , कींजरी , सारंगपुर , सिमरई , हीरापुरा , बढौदा खुर्द सहित एक दर्जन गांवों के किसान शामिल हैं।
संबंधित शाखा प्रबंधक द्वारा अगर किसानों के खाते में सम्मान निधि को रोक दिया गया है तो यह गलत है क्योंकि केन्द्र या राज्य कहीं की भी सम्मान निधि को खाते से निकालने से नहीं रोक सकते हैं और अगर इस तरह रोका है हम बात कर संबंधित शाखा प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई को लिखेंगे ।
एसआर वर्मा,तहसीलदार विजयपुर