दरअसल कर्नाटक विधानसभा चुनाव के चलते २४ अप्रेल से १२ मई तक के दिन उपभोक्ताओं के लिए कुछ राहत भरे रहे। मगर इसके बाद पेट्रोलियम कंपनियों ने फिर १३ मई की रात को ही पेट्रोल में १६ पैसे और डीजल में २३ पैसे की वृद्धि कर दी। इससे पेट्रोल ८२.३२ रुपए और डीजल ७१.६५ रुपए हो गया है। पेट्रोल पंप डीलर आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल क्रूड के दाम में औसतन चार डॉलर की वृद्धि हो गई है। कर्नाटक चुनाव के चलते सरकार ने कंपनियों को दाम बढ़ाने की अनुमति नही दी।
अब ये कंपनियां प्रतिदिन पैसों में वृद्धि करेंगी। इससे उपभोक्ताओं पर भार आएगा। पेट्रोल ८५ रुपए और डीजल ७३ रुपए तक पहुंच सकता है। इससे उपभोक्ताओं में रोष है। उनका कहना है कि सरकार कू्रड ऑयल की कीमतों का हवाला देकर दाम में बढ़ोतरी करती रही। लेकिन टैक्स में कटौती कर आम लोगों को राहत नही दी जा रही है।
असर आदमी के बजट पर
पेट्रोलियम मंत्रालय ने १६ जून २०१७ से देशभर में पेट्रोल और डीजल के दामों में रोजाना बदलाव की पद्धति डेली प्राइज रिवीजन को मंजूरी दी थी। तब से अब तक दोनों ही ईंधन के दाम बहुत बढ़ चुके हैं। १६ जून को जहां पेट्रोल की कीमत ७४.४५ रुपए प्रतिलीटर थी। अब यह ८२.३२ रुपऐ हो गया है। जबकि डीजल उस समय ६३.१६ रुपए मिल रहा था। आज उसकी कीमत ७१.६५ रुपए हो गई। यानि दोनों के दामों में ८ रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो गई है। इसका असर आदमी के बजट पर साफ दिखाई देने लगा है।