शादी-समारोहों के आयोजनों को लेकर सोमवार को तैयारियों को अंतिम रूप दिया। इसके साथ ही अक्षय तृतीया पर होने वाले एकल व सामूहिक विवाह आयोजनों को लेकर सोमवार को शहर सहित जिले भर के बाजारों में गहमागहमी रही, वहीं यात्री वाहनों में भी अच्छी खासी भीड़ देखी गई। राजस्थान संस्कृति से प्रभावित होने के कारण श्योपुर जिले में अक्षय तृतीया बड़ी संख्या में विवाह होते हैं।
अक्षय तृतीया के मौके पर इस बार सरकारी सामूहिक विवाह सम्मेलन नहीं होंगे, लेकिन विभिन्न समाजों के दर्जन भर से अधिक सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। इसी के तहत मीणा समाज के सम्मेलन ढोटी, पड़ासल्या, अडवाड़, डाबरसा, माताजी की खेड़ली और चैनपुरा में होंगे, जिनमें लगभग छह सैकड़ा से अधिक जोड़ों का विवाह होगा, जबकि गुर्जर समाज के सम्मेलन बर्धा और पनवाड़ में होंगे, जिसमें डेढ़ सैकड़ा युगल परिणयसूत्र में बंधेंगे। इसके साथ ही बैरवा समाज के अंबेडकर नगर श्योपुर, अजापुरा, बड़ौदा और अडवाड़ में सम्मेलन होंगे, जिसमें दौ सैकड़ा जोड़ों के विवाह होंगे, वहीं माली समाज का किशोरपुरा में सम्मेलन होगा। इसके साथ ही अन्य समाजों के सभी सम्मेलन आयेाजित किए जा रहे हैं।
ट्रेन की छतों पर यात्री, बसें ओवरलोड, बाजारों में भीड़
आखातीज के चलते एक दिन पूर्व जहां नगर के बाजारों में ग्राहकों की रेलम पेल मची रही। वहीं यात्री वाहनों में भी यात्रियों की भारी भीड़ भाड़ नजर आई। जिसके कारण श्योपुर जिला मुख्यालय से विभिन्न गांवों व शहरों की और जाने व आने वाली यात्री बसों में पैर रखने की भी जगह नहीं मिल पा रही थी। लिहाजा यात्रियों को यात्री बसों की छतों पर बैठकर व लटककर यात्रा करनी पड़ रही है। वहीं श्योपुर-ग्वालियर नेरोगेज रेल लाईन पर चलने वाली ट्रेनों में भी यात्रियों की भारी भीड़-भाड़ दिखाई दी, गर्मी और तेज धूप के बाद भी यात्री टे्रन की छत पर बैठकर अपने गंतव्य को पहुंचे।