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श्योपुर

विद्युत कार्य में नहीं सुरक्षा का ध्यान, जा रही जान

जिले में असुरक्षा के बीच हो रहा विद्युत संधारण कार्यबिजली कंपनी के कार्यों में लगे लाइनमैन और मजदूरों के पास नहीं है पर्याप्त संसाधन

श्योपुरDec 09, 2019 / 05:18 pm

महेंद्र राजोरे

विद्युत कार्य में नहीं सुरक्षा का ध्यान, जा रही जान

विद्युत कार्य में नहीं सुरक्षा का ध्यान, जा रही जान

श्योपुर. शहर सहित जिलेभर में विद्युत वितरण कंपनी के जहां कई नवीन कार्य चल रहे हैं, वहीं बिजली लाइनों का मेंटेनेंस और अवैध रूप से डाल रखी विद्युत लाइनों को जब्त करने व अवैध ट्रांसफार्मरो को उठाने जैसे कई कार्य भी किए जा रहे हैं। मगर इन कार्यों में लगे लाइनमैन और प्रायवेट कर्मचारियों के साथ आए दिन हादसे हो रहे हैं।
दरअसल बिजली कंपनी द्वारा लाइनमैन और प्रायवेट कर्मचारियों से काम तो लिया जा रहा है। मगर इनकी जान की सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं बरती जा रही है। यही वजह है कि विद्युत कार्यों को करने में लगे इन लोगों को न तो पर्याप्त संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं और न ही उनका बीमा कराया गया है। विद्युत वितरण कंपनी की इस अनदेखी की कीमत इन लोगों को हादसे का शिकार होकर चुकानी पड़ रही है। हादसों के दौरान कई कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है। इसके बाद भी इन घटनाओं से कोई सबक लेने को तैयार नहीं है, जबकि बिजली कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के साथ ही कंपनी द्वारा सभी संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को हर महीने में सुरक्षा की ट्रेनिंग देने की बात कह रहे हैं। मगर न तो कर्मचारी ट्रेनिंग में सीखी गई बातों पर अमल कर रहे हैं और न ही अफसर पालन कराने में गंभीरता दिखा रहे हैं।

रोजगार का नहीं कोई दूसरा साधन, इसलिए कर रहे काम
बिजली कंपनी सूत्रों के मुताबिक बिजली कार्यों के दौरान कई लोगों को बिजली ठेकेदोरों द्वारा प्राइवेट तौर पर कर्मचारी अधिकृत करते हुए उनसे मजदूरी और लाइनमैन कार्य सहित अन्य कार्य कराए जा रहे हैं, वहीं बिजली कंपनी भी कई लोगों को प्राइवेट स्तर पर नियुक्त कर उनसे काम ले रही है। मगर इन सभी लाइनमैन और मजदूरों को सुरक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे है। बावजूद इसके ये लोग इन बिजली संबंधी कार्यों को करने में लगे हुए हैं। इसके पीछे कारण दो जून की रोटी है, क्योंकि कई गरीब लोगों के पास अपने परिवार का पेट पालने के लिए रोजगार का दूसरा साधन नहीं है।

तो कैसे होगा परिवार का भरण पोषण
प्राइवेट स्तर से बिजली कंपनी से जुड़कर मजदूरी और लाइनमैन का काम कर रहे कुछ लोगों की माने तो बीमा तो बड़ी दूर की बात इन कार्यों को करवाने के लिए निर्माण कंपनियों द्वारा पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि बिजली कार्य करने के दौरान जिनके साथ अनहोनी हो रही है, उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा तथा उनके परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा।
कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के साथ ही हर महीने ट्रेनिंग भी दी जाती है। मगर कर्मचारी काम करते समय सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करते हैं। जिस कारण हादसे हो जाते हैं। अब हम ऐसी व्यवस्था बनाने जा रहे हैं, जिसके तहत कर्मचारियों का वेतन, उनके सुरक्षा उपकरण चेक करने के बाद ही जारी होगा।
नितिन डोंगरे, डीजीएम, विद्युत कंपनी, श्योपुर
यह होने चाहिए संसाधन
हेलमेट
दस्ताने
सुरक्षा झूला
सीढ़ी
जैकेट
प्लास,
डिस्चार्ज रॉड


कुछ हादसे, एक नजर में
केस-1
29 अक्टूबर 2017 को मयापुर फीडर पर परमिट लेकर बिजली खंभे पर चढ़कर कार्य कर रहे बिजली हेल्पर मनीष शर्मा निवासी नागदा की अचानक बिजली लाइन में आए करंट की चपेट में आने से मौत हो गई।
केस-2
12 जून 2018 को ग्राम दांतरदा स्थित सब स्टेशन पर खंभे पर चढ़कर तार जोड़ रहे बिजली हेल्पर रामराज रजक निवासी दांतरदा की बिजली लाइन में अचानक आए करंट से मौत हो गई।
केस-3
22 नवंबर 2019 को दोर्द फीडर के मेवरा गांव में बिजली लाइन को दुरुस्त करते समय बिजलीकर्मी ज्ञानसिंह पुत्र सुरेश जाटव को करंट लग गया, जिससे ज्ञान सिंह घायल हो गया।
केस-4
29 मई 2019 को मेवाड़ा के हार में बिजली लाइन पर काम करते समय दो बिजलीकर्मियों को करंट लग गया, जिससे बिजलीकर्मी जाकिर पुत्र तोफनियां की मौत हो गई। जबकि विनोद बैरवा गंभीर रूप से घायल हो गया।
फैक्टफाइल


225 लाइन स्टाफ स्वीकृत है जिले में
72 लाइनमैन विभाग के पदस्थ जिले में
62 कुशल श्रमिक लाइनमैन पदस्थ जिले में
105 अकुशल श्रमिक हैं जिले में

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