हेल्थ डायरेक्टे्रट से मिले निर्देश के बाद सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने मीडिया कार्यशाला कर अपनी तैयारियों और अभी तक मरीजों की जांच-स्क्रीनिंग के बारे में बताया। इस दौरान सीएमएचओ डॉ.एआर करोरिया ने कोरोना वायरस इन दिनों एक ग्लोबल मेडिकल इमरजेंसी है। जिसके चलते हम भी सतर्क हैं। हमनें जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बना दिया है। इसके अलावा बीते जिले में विदेशों से लौटकर बीते एक माह में सात लोग आए हैं, जिनकी स्क्रीनिंग की गई। इनमें तीन छात्र फरवरी में चीन से आए थे, जबकि तीन लोग रविवार को दुबई और कुवैत से आए हैं। जबकि कराहल में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग का एक कर्मचारी पिछले दिनों थाइलैंड से लौटा था।
सीएमएचओ डॉ. करोरिया ने बताया कि सभी सातों लोगों में कोई लक्षण नहीं मिले हैँ और सभी स्वस्थ हैं, फिर भी एहतियातन 28 दिन तक उनकी निगरानी रख रहे हैं। वहीं एक व्यक्ति दिल्ली का किसी कार्यक्रम में श्योपुर आया था, जो संदिग्ध था, लेकिन उसने यहां जांच नहीं कराई और वापिस दिल्ली लौट गया। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर हमने जिलास्तर पर डॉ. जेएन सक्सेना के नेतृत्व में रैपिड रिस्पांस टीम का भी गठन कर दिया है। मीडिया कार्यशाला के दौरान सीएमएचओ डॉ. करोरिया के अलावा डीएचओ डॉ.ओपी वर्मा और डीपीएम सौमित्र बुधोलिया भी मौजूद रहे।
वायरस संक्रमण से बचने के लिए बरतें सावधानी डॉ. करोरिया ने बताया कि अभी कोरोना की कोई दवा इजाद नहीं हुई है, लेकिन गर्मी बढऩे के बाद इसका असर खत्म हो जाएगा। ये लाक्षणिक बीमारी है, लिहाजा लक्षणों के आधार पर इसमें सावधानी बरती जाए। डॉ. करोरिया ने बताया कि जुकाम, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण है तो शासकीय चिकित्सक से उपचार लें। संक्रमण से बचने के लिए संदिग्ध मरीज से दूरी बनाएं, नियमित रूप से साबुन से हाथ धोएं, खांसते और छींकते वक्त मुंह पर कपड़ा रखें, भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें और हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते करें।
आयुष विभाग ने बताया, कपूर धूपन से नष्ट होता है वायरस आयुष विंग के प्रभारी डॉ.जीपी वर्मा ने भी आयुर्वेदिक उपचार बताए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा खतरा बच्चे, बुजुर्ग व मजदूर वर्ग को हैं, जो लंबे समय से सर्दी-जुकाम से पीडि़त हो। इसमें लोग घबराए नहीं और डॉक्टर से परामर्श ले। उन्होंने कहा कि कपूर धूपन करने से यह वायरस नष्ट होता है। इसके अलावा गिलोय, गुड़ 10-10 ग्राम, तुलसी-चूर्ण, हल्दी 5-5 ग्राम लेकर इन्हें एक लीटर पानी में उबाले, आधा रह जाने पर चूल्हे से उतारे और पूरे परिवार को 5 से 10 मिलीग्राम दिन में 3-4 बार पिलाएं।