जाट ने कहा कि कृषि कानून में यदि एक बिंदु भी किसानों के हितों को नुकसान पहुंचा रहा हो, तो वो मुझे बताएं, यदि आप सही होंगे तो मैं भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दूंगा और आपके साथ बैठ जाऊंगा। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में आयोजित हो रही किसान पंचायत के नाम पर षडयंत्रकारी लोग भोले-भाले किसानों की रसीद काट रहे है, जबकि इस रसीद कट्टे में न तो कोई पंजीयन है और न ही इसका कोई हिसाब-किताब।
बैठक में पूर्व विधायक दुर्गालाल विजय ने कहा कि पूर्व की सरकार भी किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि कानून के मसौदे को तैयार कर रही थी, जिसे अब हमारी सरकार ने साकार किया है। इस कानून में किसी भी किसान को नुकसान नहीं पहुंचेगा, किसान अपनी उपज चाहे मण्डी में बैचे या घर पर वह पूर्ण रूप से पहले की तरह ही स्वतंत्र है। बैठक में पूर्व जिलाध्यक्ष महावीर सिंह सिसौदिया, पूर्व नपा अध्यक्ष दौलतराम गुप्ता, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कैलाश नारायण गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक गर्ग, पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. गोपाल आचार्य, जिला महामंत्री रामलखन नापाखेडली, जिला उपाध्यक्ष शिशुपाल मीणा, शम्भू मीणा आदि ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष महावीर सिंह मीणा ने किया।