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दो राज्यों के आधा दर्जन संरक्षित वनक्षेत्रों से मिलकर बनेगा टाइगर कॉरिडोर

locationश्योपुरPublished: Oct 05, 2021 09:02:17 pm

Submitted by:

jay singh gurjar

-मप्र और राजस्थान के कूनो, माधव, रणथंभौर और कैलादेवी संरक्षित वन क्षेत्रों के लिए तैयार होगा कॉरिडोर मैनेजमेंट प्लान-टाइगर सहित अन्य वन्यजीवों के स्वच्छंद विचरण को सुगम बनाने तलाशी जाएगी संभावनाएं, बढ़ेगा टूरिज्म भी

दो राज्यों के आधा दर्जन संरक्षित वनक्षेत्रों से मिलकर बनेगा टाइगर कॉरिडोर

दो राज्यों के आधा दर्जन संरक्षित वनक्षेत्रों से मिलकर बनेगा टाइगर कॉरिडोर

जयसिंह गुर्जर@श्योपुर,
राजस्थान के रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान से निकलकरबाघ यूं तो कई बार मध्यप्रदेश का रुख करते हैं और यहां कूनो और माधव नेशनल पार्क तक पहुंच जाते हैं। लेकिन अब इस क्षेत्र में दोनों राज्यों के आधा दर्जन संरक्षित वन क्षेत्रों को मिलाकर ऐसे कॉरिडोर की परिकल्पना की जा रही है, जिसमें टाइगर व अन्य वन्यजीव बेरोकटोक आ जा सकें और स्वच्छंद विचरण कर सकें। इसके लिए वन विभाग के संबंधित क्षेत्र केे वनमंडलों द्वारा कॉरिडोर मैनजेंट प्लान बनाने की तैयारी की जा रही है।

हालांकि मध्यप्रदेश और राजस्थान के श्योपुर, शिवपुरी, सवाईमाधोपुर, करौली के वन क्षेत्र आपस में जुड़े हुए हैं, जिनमें बाघ व अन्य वन्यजीवों की आवाजाही होती रहती है, लेकिन बीच-बीच में आबादी क्षेत्र, सामुदायिक गतिविधियां आदि होने के कारण टाइगर का स्वच्छंद मूवमेंट नहीं हो पाता है। यही वजह है कि वन्यजीवों पर कार्य करने वाली संस्था ने रिसर्च के बाद डब्ल्यूडब्ल्यूएफ(वल्र्ड वाइड फंड फोर नेचर) ने दोनों राज्यों के चार जिलों के इस आधा दर्जन संरक्षित क्षेत्रों के वन क्षेत्र को एक टाइगर कॉरिडोर के रूप में तैयार करने की परिकल्पना की है। ताकि टाइगर के संरक्षण के लिए एक बड़ा क्षेत्र और कॉरिडोर मिल सके, जिसमें उसका स्वच्छंद विचरण हो।

इन संरक्षित वनक्षेत्रों से बनेगा कॉरिडोर
जिस टाइगर कॉरिडोर की परिकल्पना की जा रही है, उसमें शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क, श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क और सामान्य वनमंडल का क्षेत्र, राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले का रणथंभौर नेशनल पार्क और करौली जिले का कैलादेवी अभयारण्य का क्षेत्र शामिल है। विशेष बात यह है कि इस कॉरिडोर के माध्यम से टूरिज्म का क्षेत्र भी बढ़ जाएगा और ये क्षेेत्र पर्यटन का नया हब बन सकेगा।

कॉरिडोर प्रस्तावित
दोनों राज्यों के संरक्षित वनक्षेत्रों को मिलाकर एक कॉरिडोर प्रस्तावित है। इसके लिए प्लान बनाया जाएगा, ताकि वन्यजीवों का स्वच्छंद विचरण हो, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिले।
पीके वर्मा
डीएफओ, कूनो वनमंडल श्योपुर
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