कूनो प्रबंधन के अनुसार मंगलवार की सुबह 7 बजे मादा चीता ज्वाला की मॉनिटरिंग टीम द्वारा उसको अपने शावकों के साथ एक जगह बैठा पाया गया। कुछ समय बाद मादा चीता ज्वाला अपने शावकों के साथ चलकर जाने लगी। लेकिन मॉनिटरिंग टीम द्वारा 3 शावकों को उसके साथ जाते हुए देखा गया, चौथा शावक अपने स्थान पर ही लेटा रहा। मॉनिटरिंग टीम द्वारा कुछ समय रुकने के बाद चौथे शावक का करीब से निरीक्षण किया गया। यह शावक उठने में असमर्थ जमीन पर पड़ा पाया तथा मॉनिटरिंग टीम को देखकर अपना सिर उठाने का प्रयास भी किया। तत्काल पशु चिकित्सक दल को सूचना दी गई। दल के पहुंचने पर उनके द्वारा चीता शावक को आवश्यक उपचार देने का प्रयास किया गया, लेकिन कुछ ही देर में शावक की मृत्यु हो गई।
पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ जसवीर सिंह चौहान ने बताया कि मौत के बाद पशु चिकित्सकों की टीम ने चीता शावक का शव परीक्षण किया गया। जिसमें प्रथम दृष्टया शावक की मृत्यु का कारण कमजोरी से होना प्रतीत होता है। कूनो प्रबंधन के मुताबिक प्रारंभ से ही यह शावक चारों शावकों में से सबसे छोटा, कम सक्रिय व सुस्त रहा है। सामान्यत: कमजोर चीता शावक अन्य शावकों के मुकाबले कम दूध पी पाता है, जिससे उसके सर्वाइवल की उम्मीद कम होती जाती है और अंतत: ऐसे शावक लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाते। ये पूरी प्रक्रिया सर्वाइवल ऑफ फिटेस्ट के परिपेक्ष्य में देखी जानी चाहिए।