scriptचीता प्रोजेक्ट को झटका! साशा की 23 जनवरी से बिगड़ने लगी थी हालत, 64वें दिन हो गई मौत | Shock to Cheetah project because Sasha's death | Patrika News
श्योपुर

चीता प्रोजेक्ट को झटका! साशा की 23 जनवरी से बिगड़ने लगी थी हालत, 64वें दिन हो गई मौत

– डॉक्टरों की टीम की निगरानी में थी साशा
– नामीबिया में खून के अंतिम नमूने की जांच में मानक से ज्यादा पाया गया था क्रिकेटिनिन

श्योपुरMar 27, 2023 / 09:55 pm

दीपेश तिवारी

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श्योपुर। नामीबिया से कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाई गई मादा चीता साशा जिसकी तबियत 23 जनवरी से लगातार खराब बनी हुई थी, वह आखिरकार 64वें दिन वह अपनी जिंदगी की जंग हार गई। करीब दो महीने से अधिक समय तक वह मौत से जुझती रही जिसके बाद आज यानि सोमवार, 27 मार्च को सुबह साशा अपने बाड़े में मृत मिली। मादा चीता की मौत की वजह किडनी संक्रमण बताया जा रहा है।ज्ञात हो कि इससे पहले मॉनीटरिंग के दौरान 22 जनवरी को साशा सुस्त दिखी थी।

अचानक हुई इस मौत से चीता प्रोजेक्ट को झटका लगने की संभावना है। जबकि नामीबिया से लाए गए 3 नर और 1 मादा खुले में छोड़ दिए गए हैं। बाकी के तीन नर अभी बड़े बाड़े में हैं। जबकि फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीते अभी क्वारंटीन हैं।

दरअसल, नामीबिया से आठ अन्य चीता के साथ कूनो लाई गई मादा चीता की तबियत को लेकर राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों का कहना है कि क्वारंटीन बाड़े में लाने के बाद वन विहान भोपाल के विशेषज्ञों ने ब्लड सैंपल लेकर जांच कराई थी। किडनी इन्फैक्शन सामने आने के बाद भोपाल से ही पोर्टबल अल्ट्रा साउंड मशीन मंगवाई गई।

इसके साथ ही भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिकों तथा कूनो राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन द्वारा चीता कंजर्वेशन फाउंडेशन, नामीबिया से साशा की ट्रीटमेंट हिस्ट्री मंगाई। इस हिस्ट्री में पता चला कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में लिए गए खून के नमूने की जांच में क्रियेटिनिन का स्तर 400 से अधिक पाया गया था। इस हिस्ट्री से यह पता चला कि साशा को भारत में आने के पहले से ही संक्रमण था।

कंपार्टमेंट-5 से छोटे बाड़े में क्वारंटीन की गई थी साशा
-17 सितंबर को कूनो में लाने के बाद दो महीने की क्वारंटीन अवधि पूरी कर चुकी साशा को दो अन्य मादाओं के साथ 28 नवंबर को कंपार्टमेंट-5 में शिफ्ट किया गया था। यहां तबियत खराब होने पर साशा को ट्रैक्युलाइज करके फिर से छोटे बाड़े में क्वारंटीन कर दिया गया था। इसके बाद ब्लड सैंपल लेकर जांच कराई गई जिसमें किडनी संक्रमण और डीहाइड्रेशन की पुष्टि हुई तबसे इलाज जारी था। इलाज के दौरान इसकी तबियत में सुधार भी बताया गया था।

ऐसे चला इलाज का सिलसिला
– 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में साशा के खून के नमूने की जांच की गई। जांच में क्रियेटिनिन स्तर मानक से ज्यादा सामने आई थी।
– 22 जनवरी 2023 को साशा की तबियत बिगडने पर कूनो राष्ट्रीय उद्यान के वन्य प्राणी चिकित्सक और नामीबियाई विशेषज्ञ डॉ इलाईवॉकर की टीम ने उपचार किया।
– 23 जनवरी को वन विहार नेशनल पार्क के मुख्य पशु चिकित्सक डॉ अतुल गुप्ता की अगुवाई में चिकित्सकों के दल की निगरानी में साशा का एक्सरे सहित अन्य जांच हुईं। जांचों में किडनी इन्फैक्शन और डीहाइड्रेशन की पुष्टि हुई थी।
– 24 जनवरी को चिकित्सा दल की निगरानी में साशा को क्वारंटीन करने के साथ-साथ प्रतिदिन की निगरानी शुरू की गई।
– नियमित इलाज के दौरान चीता कंजर्वेशन फाउंडेशन और प्रिटोरिया विश्वविद्यालय दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञ डॉ एड्रियन टोर्डिफ से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सलाह ली जाती रही।
– 18 फरवरी को 12 चीतों के साथ आए दक्षिण अफ्रीकी दल में शामिल विशेषज्ञ डॉ लॉरी मार्कर, डॉ एड्रियन टोर्डिफ, डॉ एंडी फेजर, डॉ माइक और फिंडा गेम रिजर्व के वरिष्ठ प्रबंधक से भी साशा के स्वास्थ्य को लेकर एडवाइस ली गई।
– 26 मार्च की रात साशा की तबियत अचानक फिर से बिगड़ गई और 27 मार्च को सुबह साशा अपने बाड़े में मृत मिली।

https://youtu.be/VFDiU2Sj8eE
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