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श्योपुर

छह माह तक ली सोनोग्राफी की ट्रेनिंग, जांच अभी तक एक भी नहीं की

ट्रेनिंग लेने के बाद भी जिला क्षय अधिकारी नहीं कर रहे सोनोग्राफी जांचधूल खा रही नई रखी सोनोग्राफी जांच मशीन, परेशान हो रहीं महिलाएं

श्योपुरSep 23, 2019 / 11:05 pm

महेंद्र राजोरे

छह माह तक ली सोनोग्राफी की ट्रेनिंग, जांच अभी तक एक भी नहीं की

जिला अस्पताल का सोनोग्राफी जांच कक्ष।

श्योपुर. कई पदों का प्रभार संभाल रहे जिला क्षय अधिकारी डॉ. एसएन बिंदल सोनोग्राफी जांच करना जानते है, क्योंकि वे इसकी ट्रेनिंग ले चुके हैं। इसके बाद भी वे जिला अस्पताल में मरीजों की सोनोग्राफी जांच नहीं कर रहे हैं, जबकि जिला अस्पताल में इन दिनों सोनोग्राफी जांच करने वाले डॉक्टरों की कमी है। जिस कारण महिला मरीजों को सोनोग्राफी जांच के लिए परेशान होना पड़ रहा है, जबकि अस्पताल में रखी एक नई सोनोग्राफी मशीन धूल खा रही है।
यहां बताना होगा कि जिला अस्पताल में जब सोनोग्राफी जांच की सुविधा नहीं थी, तब यहां के मरीजों को सोनोग्राफी जांच के लिए राजस्थान के सवाईमाधोपुर और कोटा की दौड़ लगानी पड़ती थी। इसी परेशानी को देखते हुए तत्समय जिला अस्पताल में सोनोग्राफी जांच मशीन मंगाई गई। वहीं सोनोग्राफी जांच की ट्रेनिंग लेने के लिए जिला अस्पताल के डॉ. एसएन बिंदल को भेजा गया। ताकि यहां के मरीजों को सोनोग्राफी जांच की सुविधा मिल सके।
ट्र्रेनिंग पर शासन के खर्च हो गए लाखों रुपए
बताया गया है कि डॉ. एसएन बिंदल को सोनोग्राफी जांच के लिए छह माह की ट्रेनिंग पर भोपाल भेजा गया। ट्रेङ्क्षनग के दौरान शासन ने डॉ. बिंदल को लाखों रुपए की राशि छह माह के वेतन के तौर पर बिना काम किए दे दी, वहीं जिला अस्पताल ने एक डॉक्टर की कमी छह माह तक झेली। बावजूद इसके, डॉ. बिंदल ने ट्रेनिंग से लौटकर एक भी मरीज की सोनोग्राफी जांच नहीं की, जिससे उनकी ट्रेनिंग पर शासन द्वारा खर्च की गई लाखों रुपए की राशि पानी में बह गई, क्योंकि इसका फायदा न तो मरीजों को मिला और न ही शासन और विभाग को।
अब मलेरिया की ट्रेनिंग लेने भेज दिया जमशेदपुर
ट्रेनिंग लेने के बाद भी सोनोग्राफी जांच नहीं करने वाले डॉ. बिंदल को स्वास्थ्य विभाग ने अब मलेरिया की ट्रेनिंग लेने के लिए झारखंड के जमशेदपुर भेज दिया है। पांच दिवसीय ट्रेनिंग के लिए डॉ. बिंदल 20 सितंबर को जिला अस्पताल से रिलीव हो गए। उनकी ट्रेनिंग 23 सितंबर से शुरू होगी। जिस पर भी शासन की राशि खर्च होगी।
डॉ. बिंदल मलेरिया विभाग की ट्रेनिंग के लिए जमशेदपुर गए हैं। उनके द्वारा सोनोग्राफी की छह माह की ट्रेङ्क्षनग ली गई है। मगर प्रभार अधिक होने के कारण उनके पास काम भी ज्यादा है।
डॉ. आरबी गोयल, सिविल सर्जन, श्योपुर

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