बारिश की लेटलतीफी ने किसानों की चिंताएं बढ़ाई हुई हैं। जिले में इस बार 1 लाख 39 हजार 220 हेक्टेयर रकबे में खरीफ फसलों की बोवनी का लक्ष्य निर्धारित है, लेकिन 10 जुलाई तक की स्थिति में महज 41 हजार 659 हेक्टेयर रकबे में ही बोवनी हो पाई है, जो कुल रकबे का लगभग 30 फीसदी के आसपास है। जबकि बारिश पर्याप्त होती तो ये रकबा 50 फीसदी से ऊपर होता। विशेष बात यह है कि अभी तक सोयाबीन की बोवनी लक्षित रकबे के आधे में भी नहीं पहुंची है तो बाजरा भी आधा ही हो पाया है। जबकि बाजरा की बोवनी तो अभी तक कंपलीट भी हो जाती है। यही वजह है कि किसानों की चिंताएं बढ़ी हुई हैं और धान उत्पादक किसान तो ट्यूबवेलों से सिंचाई कर धान की पौध लगा रहे हैं।
बीते 24 घंटे में हुई 13.8 मिमी बारिश
जिले में 24 जून को मानसून की आवक के बाद एक पखवाड़े से ज्यादा समय बीत गया है, लेकिन अच्छी बारिश का अभी इंतजार बना हुआ है। बीते 24 घंटे में भी महज 13 मिलीमीटर औसत बारिश जिले में हुई है। भू अभिलेख विभाग के मुताबिक 9 जुलाई की सुबह 8 बजे से 10 जुलाई की सुबह 8 बजे तक जिले भर में जहां 13.8 मिमी औसत बारिश हुई है, वहीं इसमें श्योपुर तहसील क्षेत्र में 5, बड़ौदा में 27, विजयपुर में 10 और वीरपुर में 27 मिमी बारिश हुई, जबकि कराहल में शून्य रही।
बारिश कम होने के चलते खरीफ की फसलों की बोवनी पर असर पड़ रहा है। लेकिन अभी 15 जुलाई तक का समय है और मौसम भी बन रहा है, लिहाजा उम्मीद है कि मानसून सक्रिय होगा और अच्छी बारिश होगी।
एसके शर्मा, एसडीओ कृषि विभाग