राजस्थान की सीमा से सटी ग्राम पंचायत लुहारी के ग्राम लुहारी, कूड, कुरकुटा के तीन सैकड़ा लोग कोरोना संकटकाल में उन शहरों से वापस लौटकर गांव आ गए, जहां वे मजदूरी करने के लिए गए थे। अब यहां इनके सामने पेट पालन करने के लिए रोजगार का संकट खड़ा हो गया। बेरोजगारों को मांगने के बाद भी ग्राम पंचायत के जरिए रोजगार नहीं मिल पा रहा है। हालांकि ग्राम पंचायत का कहना है कि मजदूरों को रोजगार देने के लिए मनरेगा के तहत भंवरकुंआ मार्ग पर रपटा का काम चल रहा है, लेकिन यह काम भी आधे से ज्यादा पूरा हो चुका है, जबकि शेष बचे काम से तीन सैकड़ा मजदूरों को रोजगार मिलना संभव नहीं है।
ग्रामीण बोले ज्यादातर काम मशीनों से कराए
रोजगार न मिलने के कारण लुहारी की चौपाल पर खाली हाथ बैठे ग्रामीण किशोर, जगदीश, भरत, नाथू, ब्रजमोहन आदि का कहना है कि ग्राम पंचायत में एक साल के भीतर तीन पक्के निर्माण कार्य कराए गए, लेकिन ज्यादातर काम मशीनों के जरिए कराए गए। जिस कारण मजदूरों को कम ही मजदूरी मिल पाई है।
यहां काम नहीं, बाहर जाने पर कोरोना का डर बेरोजगार बैठे ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत का रोजगार सहायक दो नए कार्यों की स्वीकृति होने की बात बता रहा है, लेकिन बरसात का समय नजदीक होने के बाद भी नए स्वीकृत काम अभी तक शुरू नहीं हो पाए हैं। ऐसे में यहां रोजी-रोटी का संकट है। वहीं काम की तलाश में बाहर जाने पर कोरोना का डर सता रहा है।
वर्तमान में भंवरकुआ मार्ग पर रपटा निर्माण कार्य चल रहा है। आगामी दिनों में नए कार्य चैक डैम स्वीकृत हो गए है। जिनका काम जल्द शुरू होगा। इनके जरिए मजदूरों को रोजगार मिलेगा।
बुद्धा सिंह धाकड़, जीआरएस, ग्राम पंचायत लुहारी