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श्योपुर

मरीज की मौत पर परिजनों ने लगाया जाम,पुलिस ने किया लाठीचार्ज तो प्रदर्शनकारियों ने बरसाए पत्थर

-डॉक्टर पर एफआइआर की मांग पर अड़े परिजनों ने लाश रख जिला अस्पताल के सामने लगाया जाम

श्योपुरJul 20, 2019 / 08:48 pm

Laxmi Narayan

sheopur

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श्योपुर,
जिला अस्पताल में उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर भर्ती कराए मरीज की मौत हो गई। मौत से भड़के मृतक के परिजनों ने शनिवार सुबह अस्पताल में तगड़ा हंगामा कर दिया। मृतक के परिजनों ने मरीज की मौत के लिए ड्यूटी डॉक्टर को जिम्मेदार बताते हुए उसके खिलाफ एफआइआर की मांग को लेकर अस्पताल के सामने शव के साथ जाम लगाकर प्रदर्शन किया।
एफआइआर दर्ज कर डॉक्टर को गिरफ्तार करने की मांग पर अड़े परिजनों ने पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों की समझाइस के बाद भी साढ़े तीन घंटे तक जाम नहीं हटाया तो पुलिस ने जाम खुलवाने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया। वहीं कुछ वाहनों में तोडफोड़ भी की। पुलिस की सख्ती के आगे प्रदर्शनकारियों के तेवर ठंडे पढ गए। पुलिस ने जाम खुलवाकर शव को पीएम के लिए पीएम हाउस भिजवाया और मर्ग दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है।
परिजनों का आरोप डॉक्टर की लापरवाही से गई जान
शहर के वार्ड क्रमांक ११ निवासी बाबूलाल बैरवा ४० वर्ष पुत्र नारायण बैरवा को शुक्रवार की रात को उल्टी दस्त की शिकायत होने पर जिला अस्पताल में परिजनों ने भर्ती कराया। शनिवार की अल सुबह बाबूलाल की मौत हो गई। मृतक के पुत्र रविशंकर बैरवा का कहना है कि बोतल खत्म होने और पिता की स्थिति ज्यादा होने की बात मैने ड्यूटी डॉक्टर डीएस सिकरवार को इमरजेंसी कक्ष में जाकर बताई तो डॉक्टर पिताजी को देखने के बजाए हमसे उल्टा सीधा बोले।इसके बाद मेरी मम्मी गई तो डॉक्टर ने उनके साथ भी गाली गलौच कर दी। रविशंकर का आरोप है कि डॉक्टर ने दो गोलियां दी। जिसको खिलाने के थोड़ी देर बाद ही मेरे पिता की मौत हो गई। मेरे पिता की मौत के लिए डॉक्टर सिकरवार दोषी है।
एफआइआर में डॉक्टर का नाम नहीं देख भड़का प्रदर्शनकारियों का आक्रोश
मृतक के परिजनों ने डॉक्टर डीएस सिकरवार पर एफआइआर दर्ज कर उनको गिरफ्तार करने की मांग को लेकर जिला अस्पताल के सामने सुबह १० बजे के करीब लाश को रखकर जाम लगा दिया। जाम की खबर मिलने पर अस्पताल पहुंचे एडीएम दिलीप कापसे, एएसपी पीएल कुर्वे, एसडीएम रुपेश उपाध्याय, एसडीओपी रामतिलक मालवीय और जीडी शर्मा ने प्रदर्शनकारियों से चर्चा कर उनको नियमानुसार कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया।मगर प्रदर्शनकारी नहीं माने और इस बात पर अड़ गए कि पहले डॉक्टर पर एफआइआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार करो और पीडि़त परिवार को मुआवजा दो,तब जाकर शव को उठाएंगे। हालांकि परिजनों की मांग पर पुलिसं ने एफआइआर की प्रति परिजनो को दे दी। मगर प्रदर्शनकारी उसमें डॉक्टर का नाम नहीं देखकर भडक गए और बोले कि ये कैसी एफआइआर है,इसमें दोषी डॉक्टर का नाम तो लिखा ही नहीं है।
गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर और पुलिस से खूब भला बुरा कहा
शव के साथ जाम लगाने वाले गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस व अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं गुस्साई महिलाओं ने भी पुलिस व डॉक्टरो से खूब भला बुरा कहा। साढ़े तीन घंटे तक हाइवे पर जाम लगाए बैठे रहे प्रदर्शनकारी बारिश होने पर भी हाइवे से नहीं उठे। जिनको उठाने के लिए पुलिस को बारिश के बीच लाठीजार्च करना पड़ा।
सिविल सर्जन को देख भड़के परिजन,बोले अब आए हो यहां
प्रशासन के अधिकारी अस्पताल के गेट पर जब मृतक के परिजनों से चर्चा कर रहे थे,तभी वहां अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ आरबी गोयल पहुंच गए। जिनको देख परिजन भडक गए और उनको खरीखोटी सुनाते हुए बोले अब आए हो आप। रातभर से हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी।
पानी पिलाने गए एसडीओपी को प्रदर्शनकारियों ने धक्का देकर लौटाया
जाम खुलवाने के लिए पुलिस के अधिकारियों ने मृतक के परिजनों सहित उनके साथ प्रदर्शन कर रहे लोगो को समझाइस दी। वहीं एसडीओपी बड़ौदा जीडी शर्मा पुलिसकर्मियों के साथ शव के पास बैठे मृतक के परिजनो को पानी पिलाने के लिए पानी पाउच लेकर उनके पास पहुंचे। इस पर प्रदर्शनकारी भड़क गए और एसडीओपी को धक्का देकर वापस लौटा दिया।
परिजनों के हंगामा करते ही ओपीडी से गायब हो गए डॉक्टर
मृतक के परिजनों ने शनिवार सुबह जैसे ही अस्पताल में हंगामा शुरु किया। वैसे ही ओपीडी में बैठे डॉक्टर एक-एक कर गायब हो गए। ऐसे में ओपीडी में डॉक्टर मरीजो को ढूंढे से भी नहीं मिले।
आरोप निराधार
मरीज को परिजन गंभीर हालत में लेकर आए और अस्पताल में छोड़कर चले गए। जिनको हमने ढूंढकर बुलाया और मरीज को हर संभव इलाज उपलब्ध कराया। इलाज में लापरवाही और गाली गलौच के आरोप निराधार है। उल्टा परिजनों ने मुझे ही मारने की धमकी दी है।
डॉ दिलीप सिंह सिकरवार
ड्यूटी डॉक्टर,जिला अस्पताल,श्योपुर
वर्जन
प्रदर्शन करने वाले लोगो को काफी देर समझाइया। जब वे नहीं माने तब थोड़ी सख्ती दिखाई। इसके बाद शव पीएम के बाद परिजनों को सौंप दियाा। अब मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो दोषी मिलेगा,उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेगे।
पीएल कुर्वे
एएसपी,श्योपुर

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