खास बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को अपनी यह भूल याद भी आ गई है। जिसकारण उन्होंने आनन-फानन में लेखापाल त्रिवेदी को चार्ज देने के लिए बुलावा भी भिजवा दिया है। यहां बता दें कि १३ मार्च को सीएमएचओ कार्यालय के लेखापाल रामकुंवार त्रिवेदी को लोकायुक्त पुलिस ने सेवानिवृत्त हुई एएनएम फूलनदेवी के पुत्र योगेन्द्र सिंह बघेल की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पांच हजार की रिश्वत के साथ पकड़ लिया था। लेखापाल यह रिश्वत सेवानिवृत्ति के बाद एएनएम को मिलने वाली जीपीएफ और बीमा राशि निकालने के बदले ले रहा था। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद लेखापाल त्रिवेदी को जेडी कार्यालय के द्वारा अशोकनगर जिले में तबादला कर दिया। तबादला आदेश जारी होते ही सीएमएचओ डॉ एनसी गुप्ता ने लेखापाल को शनिवार को अशोकनगर के लिए रिलीव भी कर दिया। मगर वे इस दौरान उसका चार्ज किसी दूसरे कर्मचारी को दिलवाना भूल गए। ऐसे में लेखापाल त्रिवेदी सीएमएचओ कार्यालय के लेखापाल चार्ज को अपने साथ ही ले गया है। जिससे स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले का वेतन अटक गया।
कराहल,विजयपुर और बड़ौदा का भी है चार्ज
विभागीय सूत्रों की माने तो लेखापाल त्रिवेदी पर न सिर्फ सीएमएचओ कार्यालय का चार्ज है,बल्कि बड़ौदा, विजयपुर और कराहल ब्लॉक के कर्मचारियों के वेतन आहरण संबंधी शाखा का चार्ज भी है। जिससे पूरे जिले के मैदानी क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मियों का वेतन अटक गया। वहीं अन्य विभागीय कार्य भी रुक गए।
अमले को फरवरी माह से नहीं मिला है वेतन
बिना चार्ज दिए लेखापाल के रिलीव हो जाने से जिले के ढाई सौ के करीब मैदानी कर्मचारियों का वेतन अटक गया है। बताया गया है कि जिनका वेतन अटका है,उन कर्मचारियों को वेतन फरवरी माह से ही नहीं मिला है। जबकि मार्च का महिना भी खत्म होने की ओर अग्रसर है और लेखापाल के चार्ज बिना वेतन भी मिलना संभव नहीं है। ऐसे में वेतन न मिलने से परेशान स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले की परेशानी और बढ़ सकती है।
डॉ एनसी गुप्ता , सीएमएचओ,श्योपुर