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श्योपुर

फोन और ईमेल से ले रहे जानकारी, गूगल पर भी सर्च हो रहा श्योपुर और कूनो

#World Tourism Day#
चीता प्रोजेक्ट ने खोला श्योपुर में पर्यटन का नया द्वार, अब पर्यटकों का इंतजार

श्योपुरSep 27, 2022 / 02:14 pm

jay singh gurjar

फोन और ईमेल से ले रहे जानकारी, गूगल पर भी सर्च हो रहा श्योपुर और कूनो

फोन और ईमेल से ले रहे जानकारी, गूगल पर भी सर्च हो रहा श्योपुर और कूनो

जयसिंह गुर्जर@श्योपुर,
प्राकृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन के अद्वितीय स्थलों को समेटे श्योपुर जिला भले ही अभी तक परिचय का मोहताज था, लेकिन अब कूनो नेशनल पार्क में लाए गए अफ्रीकी चीतों ने जिले में पर्यटन का नया द्वार खोल दिया है। यही वजह है कि कूनो में चीता को निहारनेेे के लिए पर्यटकों में उत्सुकता नजर आ रही है। इसकी बानगी है वो फोन कॉल्स और ई-मेल जो कूनो पार्क प्रबंधन के पास लगातार आ रहे हैं, जिसमें लोग कूनो व चीतों के बारे में जानकारी ले रहे हैं।

बताया गया है कि गूगल पर भी श्योपुर जिला और कूनो नेशनल पार्क लगातार सर्च किए जा रहे हैं और यहां की लोकेशन, पहुंचने के रास्ते, नजदीकी रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट आदि की जानकारी खंगाली जा रही है। वहीं कूनो प्रबंधन के पास जो फोन व ई-मेल आ रहे हैं, उनमें भी यही जानकारी पूछी जा रही है कि यहां चीतों को पर्यटक कब से देख पाएंगे, पहुंचने और ठहरने की व्यवस्था क्या है आदि। यही वजह है कि चीता प्रोजेक्ट द्वारा खोले गए इस नए पर्यटन द्वार से श्योपुर जिले के पर्यटन को नई दिशा मिलना तय है। ऐसे में अब कूनो और श्योपुर को पर्यटकों की अगवानी का इंतजार है। विशेष बात यह है कि अभी तक यहां विदेशी पर्यटकों की संख्या कम रहती थी, लेकिन अब सवाईमाधोपुर, ग्वालियर, शिवपुरी आने वाले विदेशी पर्यटक भी यहां का रुख कर सकते हैं।

घडिय़ाल और पक्षी भी करेंगे आकर्षित
कूनो नेशनल पार्क में 80 हजार से अधिक वन्यजीवों का कुनबा है और पर्यटकों को आकर्षित करता है। लेकिन अब अफ्रीकी चीते यहां का मुख्य आकर्षण होंगे। इसके साथ ही यहां कूनो नदी में घडिय़ाल और पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियां भी पर्यटकों को आकर्षित करेगी। नेशनल पार्क के एरिया में कूनो नदी में पिछले साल 50 घडिय़ाल के बच्चे छोड़े गए थे, वहीं इस साल भी सर्दियों में यहां 50 और बच्चे छोडऩा प्रस्तावित किया गया है।

जिले में ईको और हेरिटेज टूरिज्म की अपार संभावना
56 फीसदी वनाच्छादित वाले जिले में प्राकृतिक सौंदर्य की भरमार है तो कई ऐतिहासिक स्थल भी मनमोह लेते हैं। ऐसे में उम्मीद है कि कूनो के रास्ते खुले पर्यटन के नए द्वार से अन्य ईको और हेरिटेज टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। जिले में कूनो के अलावा चंबल घडिय़ाल अभयारण्य, रामेश्वर त्रिवेणी संगम, डोब कुंड, देव खो, नटनी खोह, फूलदेह का झरना प्राकृतिक पर्यटन के बेहतर स्थल हैं। वहीं एक हजार साल पुराना श्योपुर शहर का किला, डोबकुंड, विजयपुर किला, मानपुर की गढ़ी सहित अन्य ऐतिहासिक पर्यटन के केंद्र हैं।
चीता प्रोजेक्ट नई दिशा देगा
चीता प्रोजेक्ट श्योपुर जिले में पर्यटन को नई दिशा देगा और लोगों मेें इसको लेकर उत्सुकता भी है। हालांकि अभी पर्यटक चीते नहीं देख पाएंगे, लेकिन लोग लगातार हमारे यहां संपर्क कर इस संंबंध में जानकारी ले रहे हैं।
पीके वर्मा
डीएफओ, कूनो नेशनल पार्क श्योपुर

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