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शिवपुरी

जिले की प्रजनन दर रोकेंगी छाया व अंतरा

सरकार ने प्रजनन दर कम करने के लिए लांच की नई दवा…
 

शिवपुरीNov 01, 2017 / 11:16 pm

shyamendra parihar

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शिवपुरी। प्रदेश भर में बढ़ती जा रही प्रजनन दर से चिंतित सरकार ने प्रजनन दर को कम करने के लिए नया प्रयोग करते हुए छाया व अंतरा लांच की है। यह दोनों दवाएं अब फैमिली प्लानिंग में लोगों की मदद करेंगी ताकि प्रजनन दर में कमी आ सके।
उल्लेखनीय है कि देश के जिन जिलों में प्रति दंपती प्रजनन दर ३ या उससे अधिक है वहां पर प्रजनन दर कम कर २ तक लाने सरकार ने फैमिली प्लानिंग के लिए मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के तहत नई दवाएं लांच की हैं। यह दवाएं प्रजनन दर को दो तक लाने में मदद करेंगी। सरकार ने छाया नाम से जो नई टेबलेट लांच की है, वह माला डी व माला एन के स्थान पर उपयोग की जाएगी। इसके अलावा अंतरा नाम से पहली बार इंजेक्शन लांच किया गया है। यह इंजेक्शन भी परिवार नियोजन में लोगों की मदद करेगा। इन दवाओं का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करने और लोगों को इन दवाओं के उपयोग के लिए प्रेरित करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया गया है।
फैमिली प्लानिंग के नोडल अधिकारी डॉ एनएस चौहान के अनुसार अभी तक सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली माला डी व माला एन नाम की टेबलेट महिलाओं को महीने में २८ दिन तक खानी पड़ती थी, परंतु ‘छायाÓ पहले तीन माह तक सप्ताह में दो दिन और तीन महीने बाद सप्ताह में एक दिन ही खानी पड़ेगी। इसके अलावा ‘अंतराÓ नाम से लांच किया गया इंजेक्शन तीन माह में एक बार लगवाना होगा। यह इंजेक्शन लगवाने से तीन माह तक गर्भ धारण नहीं होगा।
एनीमिया में भी आएगी कमी
महिला स्वास्थ्य परामर्श दाता मंजू शर्मा का कहना है कि यदि कोई महिला चाहे तो प्रसव के 42 दिन बाद छाया व अंतरा का उपयोग कर सकती है। इससे महिला के आंचल से बच्चे के लिए निकलने वाले दूध में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आएगी। पहले जो टेबलेट आती थीं, उन्हें छह माह बाद शुरू किया जाता था क्योंकि उन टेबलेट के उपयोग से महिला के आंचल से बच्चे के लिए निकलने वाले दूध में कमी आने की आशंका बनी रहती थी। इसके अलावा इन दवाओं के उपयोग से पीरियड्स के दौरान होने वाले रक्तस्त्राव में भी कमी आएगी जिससे महिलाओं में होने वाले एनीमिया में भी कमी आएगी।
जिले में दोनों नई दवाओं का प्रयोग जिला अस्पताल में शुरू करवा दिया गया है। अभी तक ‘छायाÓ के १६ पैकेट्स वितरित किए जा चुके हैं जबकि ११ ‘अंतराÓ लगाए जा चुके हैं। फिलहाल ‘अंतराÓ सिर्फ जिला अस्पताल में लगाया जा रहा है ।
डॉ एनएस चौहान, नोडल ऑफिसर, फैमिली प्लानिंग

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