गौरतलब है कि बीते 19 अगस्त को ग्राम सड़़ में रहने वाले बल्ली जाटव की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह अपने परिवार की महिला के दुष्कर्म के मामले में गवाही देने शिवपुरी आने वाहन का इंतड्डजार कर रहा था। इस मामले में फरियादी भरत जाटव की रिपोर्ट पर गौरीशंकर रावत, रवि रावत, नेता उर्फ मेहताब रावत, बंटी उर्फ अतर सिंह रावत, कल्ला रावत, जयेंद्र रावत, कारी उर्फ देवेंद्र रावत एवं माखन रावत के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया, जबकि संदेही के रूप में बंटी पुत्र हरिनाम रावत निवासी सड़ का नाम भी दर्ज कराया। चूंकि मृतक गवाही देने जा रहा था, इसलिए परिजनों सहित आमजन को भी यह लगा कि दुष्कर्म के आरोपियों ने ही गवाह को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की तो मामला उलझता चला गया, क्योंकि मौका ए वारदात व साक्ष्य अलग-अलग प्रतीत हो रहे थे। यही वजह है कि पुलिस ने इस मामले में ग्वालियर यूनिवर्सिटी की सीएसपी निवेदिता नायडू के अलावा सीआईडी की भी मदद ली। इस मामले में पीडि़त पक्ष के साथ पूर्व सरपंच गुल्ली पंडित पूरा सहयोग कर रहा था तथा उसका भाई महेश शर्मा इस मामले में गवाह बना तथा एफआईआर भी गुल्ली ने अपने हिसाब से दर्ज कराई।
जांच में यह निकला मामला
पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि रावत समुदाय के लोगों से गांव के पूर्व सरपंच गुल्ली पंडित की दुश्मनी चल रही थी, जिन्हें फंसाने के लिए पहले उसने दलित परिवार को अपने पक्ष में किया तथा दुष्कर्म के मामले में उन्हें सजा दिलवाने में मदद करने की बात करता रहा। फिर उसने अपने दूर के रिश्तेदार शूटर आकाश शर्मा निवासी भरौली थाना इंदरगढ़ जिला दतिया व आरिफ खान निवासी ग्राम डेली थाना रक्शा जिला झांसी से संपर्क किया। उक्त दोनों अपराधियों को 32 बोर की पिस्टल व 315 बोर का कट्टा व राउंड सहित बाइक उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें घटना से एक दिन पूर्व गांव में बुला लिया था। गुल्ली पंडित ने वारदात में अपने विरोधियों को फंसाने के लिए उनके परिवार के एक सदस्य माखन रावत की एक दिन पूर्व भाड़े के दोनों आरोपियों के साथ शराब पार्टी करवाकर उनकी दोस्ती करवा दी। गुल्ली का सोचना था कि वारदात के समय माखन जब मौके पर नजर आएगा तो फिर उसे अपने विरोधियों को फंसाने में आसानी होगी, क्योंकि गोली मारने वाले बाहर के अपराधियों को तो गांव में कोई नहीं जानता।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि घटना से एक दिन पूर्व गुल्ली पंडित ने गवाही देने जाने वाले बल्ली जाटव व उसके भाई भरत जाटव से कहा था कि मैं अपना वाहन भेज दूंगा, जिससे तुम शिवपुरी चले जाना। इसके साथ ही उसने आकाश व आरिफ के साथ माखन को मौके पर भेजा। लेकिन जब बताई गई जगह पर बल्ली नहीं मिला तो आकाश ने गुल्ली को फोन लगाकर कहा कि हमें यहां कोई नहीं दिख रहा, क्या हम वापस चले जाएं। तो गुल्ली ने कहा कि मैं अभी बात करके भेज रहा हूं। चूंकि गुल्ली पंडित उस पीडि़त परिवार का भी हमदर्द बना हुआ था, तो उसने बल्ली को फोन लगाकर पूछा कि तुम अभी तक गए नहीं, तो उसने कहा कि हम पहुंच रहे हैं। कुछ देर बाद बल्ली व भरत वहां पहुंचे तो भाड़े के शूटरों ने बल्ली को चार गोली मारकर हत्या कर दी और मौके से भाग गए। पुलिस ने गुल्ली पंडित व उसके भाई महेश शर्मा सहित शूटर आकाश को गिरफ्तार कर 32 बोर स्वचलित पिस्टल व बाइक भी बरामद कर ली। जबकि आरिफ पहले से ही हाइवे की लूट के मामले में करैरा जेल में है। वारदात का खुलासा करने में एसडीओपी करैरा आत्माराम शर्मा, टीआई राकेश शर्मा, एडी प्रभारी उनि रिपुदमन सिंह राजावत एवं उनकी टीम का सहयोग रहा।