ज्ञात रहे कि पॉजीटिव मरीजों की पहचान उजागर करने पर सरकार ने नाराजगी जाहिर करते हुए ४ दिन पहले ही आदेश पारित किया था कि अब मरीज की पहचान उजागर नहीं की जा सकती है।
इसके अलावा यह भी नियम बना दिया कि पॉजीटिव मरीज को 10 दिन तक हॉस्पिटल में आईसोलेट करने के उपरांत बिना किसी टेस्ट के डिस्चॉर्ज कर दिया जाएगा। इसी क्रम में अब एक और कानून बना दिया गया, जिसके तहत पॉजीटिव मरीज को हॉस्पिटल में रखने की बजाय होम क्वारंटीन किया जाएगा।
विचारणीय पहलू यह है कि इससे पहले भी ऐसे कई व्यक्ति सामने आ चुके हैं जिन्हें होम क्वारंटीन किया गया था परंतु वह होम क्वारंटीन होने के बावजूद सड़कों पर तफरी करते देखे गए थे।
अब तो लोगों को यह भी पता नहीं होगा कि व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव है या नहीं, उसे होम क्वारंटीन किया गया है या नहीं आदि। कुल मिलाकर अब कई कोरोना पॉजीटिव मानव बम की तरह भी समाज में एक दूसरे को बीमारी फैलाते घूम सकते हैं।
सार्थक एप से की जाएगी मॉनीटरिंग मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एएल शर्मा का दावा है कि शासन के नए नियमों के अनुसार होम क्वारंटीन किए गए पॉजीटिव मरीज की मॉनीटरिंग ‘सार्थक’ एप के माध्यम से की जाएगी।
सीएमएचओ के अनुसार पॉजीटिव मरीज के मोबाइल में सार्थक एप डाउन लोड किया जाएगा और इसी से एएनएम, आशा, एमपीडब्ल्यू, डॉक्टर मरीज की मॉनीटरिंग करेंगे। विचारणीय पहलू यह है कि पूर्व में भी होम क्वारंटीन किए गए व्यक्तियों की मॉनीटरिंग तो हो नहीं सकी, अब कैसे होगी….? इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति पर पर एंड्रायड मोबाइल नहीं हुआ तो उसके मोबाइल में एप कैसे डाउनलोड होगा, इसके संबंध में भी विभाग की कोई प्लानिंग नहीं है।
बेहद गंभीर व्यक्ति को किया जाएगा हॉस्पिटलाइज्ड अगर किसी पॉजीटिव की स्थिति बिगड़ जाती है और उसे बार-बार बुखार, खांसी, सर्दी और सांस लेने में तकलीफ होती है तो फिर डॉक्टर अपने विवेकानुसार उसे हॉस्पिटलाइज्ड करेगा।
सीएमएचओ के अनुसार ऐसे व्यक्तियों के बीच डिफरेंसिएशन डॉक्टर करेंगे, क्योंकि जिस व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो रही है वह ना सिर्फ खुद के लिए बल्कि दूसरों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। कुल मिलाकर जब व्यक्ति वेंटिलेटर वाली स्थिति में आ जाएगा तब उसे हॉस्पिटलाइज्ड किए जाने पर विचार होगा।
इनका कहना है कोरोना पॉजीटिव ऐसे मरीज जिनमें लक्षण दिखेंगे उन्हें तो हॉस्पिटल में रखा जाएगा, परंतु ऐसे मरीज जो पॉजीटिव तो हैं परंतु उनमें लक्षण नहीं दिख रहे हैं, उन्हें होम क्वारंटीन किया जाएगा। होम क्वारंटीन किए गए मरीजों की मॉनीटरिंग सार्थक एप से की जाएगी।
डॉ.एएल शर्मा, सीएमएचओ, शिवपुरी