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शिवपुरी

मैच नहीं देख पाए क्रिकेट प्रेमी

केबल ऑपरेटर एसोसिएशन का आरोप: अंबानी को लाभ देने, केबल ऑपरेटरों को खत्म करने की तैयारी

शिवपुरीMar 10, 2019 / 10:59 pm

Rakesh shukla

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मैच नहीं देख पाए क्रिकेट प्रेमी

शिवपुरी. शहर में रहने वाले हजारों परिवार मनोरंजन से महरूम हो गए। घर में रखा टेलीविजन, शो-पीस बनकर रह गया और नाटकों से लेकर खेल के चैनल तक बंद कर दिए गए। रविवार को भारत-आस्टे्रलिया के बीच हुए क्रिकेट मैच को लोग देख नहीं पाए, जिसके चलते उनमें नाराजगी बनी रही। यह सब इसलिए हो रहा है, क्योंकि टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने केबल ऑपरेटरों पर एमआरपी कानून लागू कर दिया है। यानि चलने वाले सभी चैनलों का अलग-अलग रेट से भुगतान करना पड़ेगा। इतना ही नहीं चैनलों के तय किए गए रेट पर 18 प्रतिशत जीएसटी भी लगा दी गई। ऐसे में अभी तक उपभोक्ता जिन चैनलों को देखने के बदले में 200 रुपए देते थे, उनके अब 378 से लेकर 500 रुपए की राशि देनी पड़ेगी। ट्राई के इस फैसले का विरोध करते हुए केबल ऑपरेटर एसोसिएशन के पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि अंबानी को लाभ देने के लिए केबल ऑपरेटरों को खत्म करने की तैयारी की जा रही है।
शिवपुरी शहर में लगभग 20 हजार उपभोक्ता हैं, जिनमें से लगभग पचास फीसदी घरों में रखी टीवी पर अब धूल चढऩा शुरू हो गई, क्योंकि उनमें अब कोई चैनल ही नहीं आ रहे। शहर में डिजयाना, सिटी केबल एवं एसआर ग्रुप के माध्यम से लोगों के घरों तक चैनल पहुंचते हैं। बीते तीन दिन सेे डिजयाना के तो सभी चैनल बंद कर दिए गए, जिसमें डीडी यानि दूरदर्शन के भी चैनल बंद हो गए। इसके अलावा एसआर ग्रुप के भी चैनल बंद होने लगे हैं, जिसके चलते हर दिन कोई न कोई परिवार चैनल बंद होने से अपने कार्यक्रम नहीं देख पा रहा। सबसे अधिक स्थिति तो आज रविवार को खराब हुई, जब भारत-आस्ट्रेलिया के बीच रोमांचक मैच होने वाला था और टीवी घर में शोपीस बनी रखी रही। इस दौरान उपभोक्ताओं ने अपने केबल ऑपरेटर को भी संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनके पास भी कोई ठोस जवाब नहीं है, इसलिए वे भी फोन रिसीव नहीं कर रहे।
इसलिए बंद हो रहे चैनल
टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अभी हाल ही में केबल ऑपरेटरों पर एमआरपी कानून लागू कर दिया है। जिसके तहत अब वे चैनल, जिनकी टीआरपी अधिक है यानि दर्शक अधिक संख्या में उसे देखते हैं, उनके लिए अलग से रेट तय कर दिए हैं। अब उपभोक्ता जो चैनल चाहता है, उसकी लिस्ट उसे केबल ऑपरेटर को देनी होगी, फिर उन चैनलों के रेट जोडक़र बताया जाएगा कि उसका मासिक किराया कितना होगा?। पहले तो फ्री चैनल के अलावा सभी पे-चैनल होने के बावजूद उपभोक्ता को 200 से 250 रुपए महीने देने पड़ते थे, लेकिन एमआरपी कानून लागू होने के बाद उपभोक्ता को 378 रुपए से लेकर 500 रुपए तक प्रतिमाह मनोरंजन पर खर्च करने पड़ेंगे।
फ्री चैनल के भी देने होंगे 153 रुपए
इससे पहले तक टीवी में कई चैनल ऐसे हैं, जो फ्री होते हैं। जिनमें दूरदर्शन के 25 चैनल, दंगल, दबंग, धार्मिक चैनल, एवीपी, इंडिया न्यूज के अलावा रीजनल के न्यूज चैनल भी शामिल थे। लेकिन अब एमआरपी कानून लागू होने के बाद इन चैनलों को चलाने के बदले में भी 153 रुपए तो उपभोक्ता को देने ही पड़ेंगे। जबकि इससे पूर्व दो सौ रुपए में सभी चैनल मिल जाया करते थे।
केबल ऑपरेटरों को खत्म करने की तैयारी
मप्र केबल टीवी एवं ब्रॉड बैंड एसोसिएशन के सचिव फरमान अली का कहना है कि ट्राई के इस फैसले के विरोध में केबल ऑपरेटरों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया और अभी इंदौर में हमारी एसोसिएशन धरना दे रही है। सेटअप बॉक्स पहले महानगरों में और फिर छोटे शहरों में लगाए थे, लेकिन यह कानून तो देश भर में एक साथ लागू कर दिया। आगामी 6 माह में अंबानी की कंपनी ब्रॉडबेंड लेकर आ रही है, उसके लिए देशभर में फाइबर केबल भी बिछा दी है। उसे ही लाभ देने के लिए केबल ऑपरेटरों को खत्म करने की तैयारी है। जबकि देश भर में 1 लाख केबल ऑपरेटर तथा 5 लाख उनसे जुडे अन्य कर्मचारी हैं।

हमारे चैनल तो शनिवार से ही बंद हो गए, जबकि रविवार को मैच होने की वजह से एसआर वाले केबल ऑपरेटर को कई बार फोन लगाए, लेकिन वो भी फोन रिसीव नहीं कर रहा। हमने 378 रुपए मासिक पैकेज के चैनल बताए थे, लेकिन अभी तक कोई भी चैनल शुरू नहीं हुआ।।
पुष्पा, सिटी सेंटर कॉलोनी
पिछले तीन दिन से चैनल आने ही बंद हो गए, जब अड़ोस-पड़ोस में पूछा तो पता चला कि डिजयाना के सभी उपभोक्ताओं के पे-चैनल तो बंद हुए ही, डीडी भी नहीं आ रहा। मनोरंजन पर रेट बढ़ाने के साथ ही वो सुविधाएं भी जब उपभोक्ताओं को नहीं दे पा रहे, तो फिर ऐसे कानून की जरूरत क्या थी।
आशीष श्रीवास्तव, सिद्धेश्वर
टीवी अब घर में शोपीस बन कर रह गई। हम अपने मनपसंद नाटक नहीं देख पा रहे और बच्चों को भी अब घर में नहीं रोक पा रहे। पहले तो कार्टून नेटवर्क सहित अन्य चैनल लगाकर बच्चों को घर में बिठा लेते थे, लेकिन अब बच्चे कहते हैं कि टीवी नहीं आ रहा तो हम घर में क्या करेंगे।
निकिता गुप्ता, गृहणी

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