टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अभी हाल ही में केबल ऑपरेटरों पर एमआरपी कानून लागू कर दिया है। जिसके तहत अब वे चैनल, जिनकी टीआरपी अधिक है यानि दर्शक अधिक संख्या में उसे देखते हैं, उनके लिए अलग से रेट तय कर दिए हैं। अब उपभोक्ता जो चैनल चाहता है, उसकी लिस्ट उसे केबल ऑपरेटर को देनी होगी, फिर उन चैनलों के रेट जोडक़र बताया जाएगा कि उसका मासिक किराया कितना होगा?। पहले तो फ्री चैनल के अलावा सभी पे-चैनल होने के बावजूद उपभोक्ता को 200 से 250 रुपए महीने देने पड़ते थे, लेकिन एमआरपी कानून लागू होने के बाद उपभोक्ता को 378 रुपए से लेकर 500 रुपए तक प्रतिमाह मनोरंजन पर खर्च करने पड़ेंगे।
इससे पहले तक टीवी में कई चैनल ऐसे हैं, जो फ्री होते हैं। जिनमें दूरदर्शन के 25 चैनल, दंगल, दबंग, धार्मिक चैनल, एवीपी, इंडिया न्यूज के अलावा रीजनल के न्यूज चैनल भी शामिल थे। लेकिन अब एमआरपी कानून लागू होने के बाद इन चैनलों को चलाने के बदले में भी 153 रुपए तो उपभोक्ता को देने ही पड़ेंगे। जबकि इससे पूर्व दो सौ रुपए में सभी चैनल मिल जाया करते थे।
मप्र केबल टीवी एवं ब्रॉड बैंड एसोसिएशन के सचिव फरमान अली का कहना है कि ट्राई के इस फैसले के विरोध में केबल ऑपरेटरों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया और अभी इंदौर में हमारी एसोसिएशन धरना दे रही है। सेटअप बॉक्स पहले महानगरों में और फिर छोटे शहरों में लगाए थे, लेकिन यह कानून तो देश भर में एक साथ लागू कर दिया। आगामी 6 माह में अंबानी की कंपनी ब्रॉडबेंड लेकर आ रही है, उसके लिए देशभर में फाइबर केबल भी बिछा दी है। उसे ही लाभ देने के लिए केबल ऑपरेटरों को खत्म करने की तैयारी है। जबकि देश भर में 1 लाख केबल ऑपरेटर तथा 5 लाख उनसे जुडे अन्य कर्मचारी हैं।
हमारे चैनल तो शनिवार से ही बंद हो गए, जबकि रविवार को मैच होने की वजह से एसआर वाले केबल ऑपरेटर को कई बार फोन लगाए, लेकिन वो भी फोन रिसीव नहीं कर रहा। हमने 378 रुपए मासिक पैकेज के चैनल बताए थे, लेकिन अभी तक कोई भी चैनल शुरू नहीं हुआ।।
पुष्पा, सिटी सेंटर कॉलोनी
आशीष श्रीवास्तव, सिद्धेश्वर
निकिता गुप्ता, गृहणी