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शिवपुरी

सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में गर्भ में बेटी की हत्या

नवजात की नाल पर मिली क्लेम कोड सरकारी सप्लाई की
 

शिवपुरीJan 24, 2019 / 04:37 pm

Rakesh shukla

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सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में गर्भ में बेटी की हत्या

शिवपुरी/ बदरवास। एक ओर सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे को बुलंद करते हुए बेटी और बेटे के फर्क को मिटाने की बात कहती है। लोगों को यह बात समझाने के लिए सैंकड़ों करोड सरुपए सिर्फ प्रचार-प्रसार पर खर्च कर देती है। वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पताल में ही गर्भपात कर बेटी को गर्भ में ही मार दिया जाता है। ऐसे ही एक मामला जिले के बदरवास स्वास्थ्य केंद्र में सामने आया है। यहां एक बेटी की गर्भ में हत्या कर उसे सरकारी दवाओं के कार्टून में रख कर हाइवे किनारे जमीन में दफन कर दिया गया। भ्रूण की नाल पर जो क्लेम कोड लगी है वह भी सरकारी सप्लाई की है जो चीख चीख कर इस बात की गवाही दे रही है कि बच्ची का गर्भपात सरकारी अस्पताल में ही किया गया है। पुलिस व अस्पताल प्रबंधन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह पुलिस को सूचना मिली कि हाइवे के किनारे दवाओं के एक डिब्बे में कोई भ्रूण पड़ा हुआ है। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की तो जिस कार्टून में भू्रण कपड़े से लिपटा हुआ रखा था वह सरकारी अस्पताल में सप्लाई की गई दवा का निकला। जब भ्रूण का कपड़ा हटाया गया तो उसकी नाल पर जो क्लेम कोड लगी मिली वह भी सरकारी सप्लाई की ही थी। पुलिस ने शव को बरामद कर पीएम के लिए भिजवा दिया तथा मामले की पड़ताल के लिए बदरवास स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गई। स्वास्थ्य केंद्र में रामपुरी निवासी कामता भील नाम की एक प्रसूता भर्ती थी, जिसके साथ उसका बच्चा नहीं था। पुलिस ने जब महिला से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसका बच्चा मर गया है, जिसे उसने दफना दिया है। पुलिस ने जब मामले की पड़ताल शुरू की तो महिला किसी को कुछ बताए बिना ही अस्पताल से भाग गई। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि कामता भील नाम की इस महिला के यहां पहले से ही छह बेटियां हैं। उसने इस बार भी कुछ दिन पहले कहीं अल्ट्रासाउंड करवाया जहां उसे यह पता चला कि उसके गर्भ में पल रही संतान बेटी है तो उसने बदरवास स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों से मिलकर इस गर्भपात का ताना बाना बुना। सवाल यह भी उठता है कि अगर कामता भील ने पुलिस से सही बोला था तो फिर वह पूछताछ करने पर अस्पताल से भाग क्यों गई?
रजिस्टर में दजर्द करने के बाद क्यों काटी एंट्री
सरकारी अस्पताल में कामता भील का गर्भपात होने की घटना को इस बात से भी बल मिलता है कि अस्पताल के स्टाफ ने वहां के रजिस्टर में पहले रामपुरी निवासी कामता भील की एंट्री कर उसे १११४ नंबर पर एडमिट किया है। इसके बाद उस एंट्री के ऊपर पेन चला कर उसे काट दिया। इसके बाद एक बार फिर से उसकी एंट्री की गई और उसे भर्ती होना दर्शाया, लेकिन एक बार फिर उस एंट्री को काटा गया। सवाल यह उठता है कि अगर कामता भील को अस्पताल में एडमिट किया गया था तो फिर उसकी एंट्री को काटा क्यों गया? कामता यदि अस्पताल में भर्ती थी तो फिर उसकी एंट्री क्यों नहीं थी? पुलिस पूछताछ के दौरान वह भाग क्यों गई? अगर इन सभी बिंदुओं पर गहन पड़ताल की जाए तो इस भू्रण हत्या का पूरा मामला परत दर परत खुलता चला जाएगा। वहीं अस्पताल से जुड़े विश्वसनीय सूत्र यह कहते नजर आ रहे हैं कि इस अस्पताल में गर्भपात का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पूर्व भी कई गर्भपात यहां हो चुके हैं। इन गर्भपात के एवज में मोटी रकम वसूली जाती है।
ये बोले जिम्मेदर
-आज अस्पताल के कार्टून में एक नवजात बच्ची का शव मिला है, जिसे पीएम के लिए भेज दिया गया है। जांच पड़ताल में अस्पताल में एक महिला के यहां डिलीवरी होना तो पाया गया है परंतु उसका बच्चा उसके पास नहीं है। महिला की एंट्री रजिस्टर में कर कांट-छांट की गई है। हो सकता है यह मामला गर्भपात का हो। हम मामले की जांच कर रहे हैं, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र सिंह यादव
एएसआई, विवेचक
-यह बात सही है कि बच्ची का शव सरकारी दवाओं के कार्टून में मिला है, उसके यहां जो क्लेम कोड लगी है वह भी सरकारी है। रजिस्टर में दर्ज नाम की काठ-छांटकी गई है और इस मामले की हम जांच करवा रहे हैं। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ सुधीर कश्यप, बीएमओ

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