scriptकोलारस विधायक रामसिंह यादव की हार्ट अटैक से मौत | Death of Kolaras MLA Ram Singh Yadavs heart attack | Patrika News
शिवपुरी

कोलारस विधायक रामसिंह यादव की हार्ट अटैक से मौत

बुधवार की अचानक बीपी बढऩे के बाद पैरालाइज अटैक बना मौत का कारण

शिवपुरीOct 18, 2017 / 06:03 pm

shyamendra parihar

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शिवपुरी। शिवपुरी की राजनीति में विशेष स्थान रखने वाले कोलारस विधायक एवं कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव (दादा) का बुधवार की दोपहर ग्वालियर में उपचार के दौरान हृदयाघात से निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। चूंकि एक दिन बाद दीपावली पर्व है, इसलिए उनका अंतिम संस्कार बुधवार की शाम को ही कर दिया गया। एक दु:खद पहलू यह है कि दादा के छोटे भाई जगन्नाथ सिंह यादव की मृत्यु पांच दिन पूर्व ही हुई। रामसिंह दादा ने वर्ष 1977 से राजनीति में सरपंच का चुनाव जीतकर शुरुआत की और 40 वर्ष तक वे कांग्रेस पार्टी के एक मजबूत नेता रहे। दादा की मौत से क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को दूसरा बड़ा झटका लगा, क्योंकि कुछ समय पूर्व ही महेंद्र सिंह कालूखेड़ा का भी निधन हो चुका है।
सरपंच चुनाव से की थी राजनीति की शुरुआत
1996 में दादा ने वापस किया था लोकसभा का टिकट
कोलारस विधायक व कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव ने अपनी राजनीति की शुरुआत 1977 में खतौरा ग्राम पंचायत में सरपंच के पद से की थी। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इतना ही नहीं दादा ने 1996 में लोकसभा का टिकट वापस करके महल के प्रति वफादारी जताई थी।
दादा रामसिंह यादव का जन्म तरावली गांव में हुआ था और बाद में उनका परिवार खतौरा गांव में आकर बस गया। पहली बार 1977 में वे सरपंच बने। इसके बाद 98 1 में जनपद अध्यक्ष रहे, जबकि 1985 तथा 1991 में जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद रामसिंह यादव ने 1993 में करैरा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन उसमें शिकस्त मिली। वर्ष 1996 में उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से टिकट दिया गया, लेकिन भाजपा से राजमाता विजयाराजे सिंधिया के चुनाव लडऩे की वजह से उन्होंने टिकट वापस कर दिया था। वर्ष 2008 में रामसिंह यादव ने कोलारस विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ा, लेकिन वे भाजपा के देवेंद्र जैन से महज 193 वोटों से हार गए। इसके बाद जब वर्ष 2013 में उन्होंने विधायक का चुनाव लड़ा तो भाजपा के देवेंद्र जैन को रिकार्ड 25 हजार मतों से हराया। यह जीत उनकी जिले की पांचों विधानसभा में सबसे बड़ी थी।

गांव का हर विवाद पहुंचता था दादा के पास
खतौरा गांव में रामसिंह यादव की छवि सरल-सहज व बिना भेदभाव के सभी से एक समान व्यवहार रखने वाली थी। यही वजह है कि पिछले कई वर्षों से गांव में यह स्थिति बनी हुई थी किसी भी जाति वर्ग की कोई लड़ाई यदि होती थी, तो दोनों पक्ष पुलिस के पास जाने से पहले दादा के पास आते थे। यह विवाद चाहे जमीन का हो या परिवार का, हर मामले में दादा जो निर्णय देते थे, उसे दोनों ही पक्ष मान लिया करते थे।

बीपी हाई होने के साथ आया था पैरालाइज अटैक
रामसिंह यादव की तबियत बुधवार की सुबह उस समय बिगड़ी, जब उनका बीपी (ब्लड प्रेशर) बढ़ गया। ग्वालियर रैफर करने से पहले उन्हें शिवपुरी में डॉ. सीएम गुप्ता (जो वीआरएस लेकर घर बैठ गए) के पास परिजन लेकर आए। डॉ. गुप्ता ने बताया कि परिवार के अनुसार खतौरा गांव में रहते हुए उनका बीपी 185 तक पहुंच गया था, लेकिन बीपी की गोली खाने के बाद वो 110 तक नीचे आ गया था। डॉ. गुप्ता ने बताया कि सुबह 11.30 बजे जब मेरे पास लाया गया, तब वे हल्की बेहोशी की हालत में होने के साथ ही उनके शरीर के दाहिने हिस्से में पैरालाइज (लकवा) का अटैक आया था। बकौल डॉ. गुप्ता मैंने तो एक इंजेक्शन लगाकर उन्हें ग्वालियर न्यूरो सर्जरी ले जाने की सलाह दी। डॉ. गुप्ता ने आशंका जताई है कि विधायक की मौत का कारण नस में खून जम जाना या ब्लॉकेज बस्ट होना हो सकता है।

शिवपुरी में सभी नेताओं ने दी पुष्पांजलि
बुधवार की शाम लगभग पांच बजे रामसिंह यादव का पार्थिव शरीर शिवपुरी आया तो बायपास रोड पर कांग्रेस नेताओं के अलावा दूसरे दल के नेताओं ने भी उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। शाम छह बजे उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव खतौरा में किया गया।
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