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शिवपुरी

बोले किसान: कर्ज लिया ही नहीं तो माफी कैसी

कर्ज न लेने वाले किसानों के नाम भी माफी की सूची में, कुछ ने जमा किया, तो भी बना दिया कर्जदार

शिवपुरीJan 19, 2019 / 04:29 pm

Rakesh shukla

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बोले किसान: कर्ज लिया ही नहीं तो माफी कैसी

शिवपुरी।/बदरवास. रन्नौद क्षेत्र के ग्राम धंधेरा में किसान ऋण माफी की प्रक्रिया शुरू होते ही 6 कृषि साख सहकारी समितियों पर हुए घोटाले की परतें खुलने लगीं। समितियों की ओर से पंचायत पर ऋणदाताओं की सूची चस्पा की तो ऐसे किसानों के नाम सामने आए, जिन्होंने ऋण लिया ही नहीं। ऐसे किसानों ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा रन्नौद में आपत्ति दर्ज कराई है।
किसानों का कहना है जब बैंक से कर्ज लिया ही नहीं तो माफी कैसी। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की ओर से किसानों को फसल के लिए ऋण साख सहकारी समितियों के माध्यम से दिया जाता है। पिछले 6 साल में बिना कागजी कार्रवाई किए 50 लाख का फर्जी ऋण वितरण किया गया। वर्ष 2010 में ऋण वितरण घोटाला सामने आया था, लेकिन सरकार में अच्छी पकड़ होने की वजह से आरोपी बचते रहे। अब 11 जनवरी 2019 से ऋण माफी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पंचायत स्तर पर कर्जदारों की लिस्ट चस्पा की गई है। इस लिस्ट में ऐसे किसानों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने ऋण लिया ही नहीं था। अब ये किसान सहकारी बैंक की शाखाओं पर आपत्ति दर्ज कराने पहुंच गए हैं। वहीं जिला सहकारी बैंक समितियों पर ऋण प्रदान करने का रिकॉर्ड खंगाल रही है तो वह मिल नहीं रहा।
67 किसानों के नाम से निकाले थे 50 लाख
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की रन्नौद शाखा से संबद्ध सेवा सहकारी संस्था रन्नौद का घोटाला सबसे ज्यादा चर्चित रहा। इस संस्था से 67 किसानों के नाम से फर्जी ऋण वितरण कर बैंक को 50 लाख का चूना लगाया गया। यह खुलासा तब हुआ जब ऋण माफी वाले किसानों की लिस्ट ग्राम पंचायत पर चस्पा की गई।
बैंक की पावती, फिर भी 27 हजार बकाया
सहकारी बैंक की रन्नौद शाखा से संबद्ध समितियों पर फर्जी ऋण वितरण किया गया। बुधवार को रन्नौद शाखा पर भरोसा सिंह कुशवाह निवासी धंधेरा अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंचा। उसका कहना था कि जब मैंने ऋण जमा कर दिया, तो फिर 25 हजार का कर्ज कैसे मेरे नाम है।
– कृषक मान सिंह धाकड़ ने रन्नौद शाखा पर आपत्ति दर्ज कराई है कि वह पूरा ऋण चुकता कर चुके हैं तथा बैंक की पावती भी उनके पास है, लेकिन ऋण माफी में 30 हजार रुपए का ऋण कहां से दर्ज कर दिया गया।
समिति पर कर्जदारों की सूची चस्पा हुई तो बड़ी संख्या में किसान आपत्ति दर्ज कराने आने लगे हैं। ऐसे लोग जिन्होंने ऋण नहीं लिया, उनसे लाल फार्म भरवा कर आपत्ति दर्ज कराई जा रही है। बैंक को भी नहीं पता कि ऐसे कितने मामले हैं, जिन्होंने ऋण लिया ही नहीं। अब जांच कर किसान को प्रमाण पत्र दिया जाएगा कि उस पर कोई ऋण बकाया नहीं है।
आशीष तिवारी, एसडीएम कोलारस

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