जानकारी के मुताबिक दिनारा के ग्राम आवास निवासी अच्छेलाल केवट की पत्नी पूनम केवट को डिलीवरी के लिए दिनारा स्वास्थ्य केन्द्र में बीते रोज भर्ती कराया गया था। इस दौरान पूनम के साथ उसका पति अच्छेलाल व ननद नीलम मौजूद थी। ड्यूटी पर मौजूद नर्स जयंती यादव व एक अन्य प्राइवेट बाई जब महिला का प्रसव करा रही थी, तभी पूनम की मौत हो गई। इधर महिला की मौत के बाद भी नर्स ने बिना कुछ किसी को बताए उसे जिला अस्पताल रैफर कर दिया। महिला की मौत के कुछ देर बाद जो बच्चा हुआ उसकी भी मौत हो गई। मृतक महिला के परिजनों ने बताया कि प्रसव के दौरान पूनम को काफी दर्द दर्द हो रहा था तो वह चीख रही थी, लेकिन उसका इलाज न करते हुए नर्स ने उसके साथ मारपीट की और जबरन प्रसव कराया। दर्द सहन न करने के चलते महिला की मौत हो गई। 10 मिनिट बाद नवजात बच्चे ने भी दम तोड़ दिया। मौत के बाद खुद पर कोई आरोप न लगे इसलिए नर्स ने महिला को मौत होने के बाद जिला अस्पताल रैफर कर दिया। परिजनों का कहना है कि जब हमने इस मामले में कार्रवाई की बात की तो स्टॉफ ने उन्हें डरा-धमका कर अस्पताल से भगा दिया।
प्रसव के दौरान हुआ बच्चा, 10 मिनिट बाद मौत
पूनम के प्रसव के दौरान एक बच्चे को जन्म दिया लेकिन 10 मिनिट बाद बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद नर्स जयंती ने पूनम के पति को बच्चा दफनाने के लिए भेज दिया और यह नहीं बताया कि पूनम की भी मौत हो चुकी है। पति जब बच्चा दफना कर वापस आया तो मृत पूनम को जिला अस्पताल रैफर कर दिया। प्रसव के दौरान पूनम की बहन नीलम केवट साथ में थी जिसने यह पूरा मामला खुद अपनी आंखों से देखा है। उसके सामने ही नर्स ने पूनम से मारपीट की थी। साथ ही प्रसव के दौरान 3 हजार रुपए भी मांगे थे।
यह बोले जिम्मेदार-
महिला की हालत ठीक न होने के कारण जिला अस्पताल में रैफर किया गया था। मारपीट का आरोप गलत है। अगर अवैध रूप से पैसे मांगे गए है तो मैं मामले की जांच करवा लेता हूं। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
डॉ अरविंद अग्रवाल, प्रभारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दिनारा