खास बात यह है कि पूर्व में भी पत्रिका द्वारा मामला उजागर करने के उपरांत सिविल सर्जन डॉ. पीके खरे से लेकर सीएमएचओ डॉ. अर्जुन लाल शर्मा ने कहा था कि इस संबंध में वह जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करेंगे लेकिन तत्समय भी मामला सिर्फ जांच में उलझ कर रह गया था। अस्पताल प्रबंधन की इसी लापरवाही के कारण कोविड-19 का कचरा आज भी यहां वहां ही फेंका जा रहा है।
बाथरूम में पिछले कई महीनों से कोरोना संक्रमित कचरा फेंका जा रहा है। इससे पूर्व भी पत्रिका ने इसी बाथरूम में कोरोना संक्रमण का कचरा फेंके जाने का मामला उजागर किया था। तत्समय भी जिम्मेदारों ने इस बात का आश्वासन दिया था कि अब इस बाथरूम में कचरा नहीं फेंका जाएगा, बावजूद इसके कचरा लगातार फेंका जा रहा है। आज भी जिम्मेदारों का कहना है कि अब इस बाथरूम में कचरा नहीं फेंका जाएगा।