जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों पेट्रोल व डीजल के दामों में हुई खासी बढ़ोत्तर के चलते शिवपुरी जिले से लगी उप्र की सीमा के पेट्रोल पंपों से अवैध रूप से पेट्रोल व डीजल लाने का काम किसानों के साथ अन्य बड़े व्यापारी तक कर रहे हैं। अपने खुद के उपयोग के साथ यह लोग कम दामोंं में उप्र के पंपों से ईंधन लाकर उसमें भी मिलावट करके उसे बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। इधर जिले के उप्र की सीमाओं पर बने पेट्रोल पंपों का व्यापार पूरी तरह से ठप होने की कगार पर है। 10 से लेकर 12 रुपए के कीमतों में अंतर होने से कोई भी मप्र के पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं ले रहा, वह सीधे उप्र की सीमा में जाकर वहां के पंप से सस्ते दामों में यह ईंधन बड़े पैमाने पर ला रहा है। इस पूरे गौरखधंधे में पुलिस सुविधा शुल्क लेकर इन कारोबारियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही।
कुछ किसानों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन दिनों खेती-किसानी में सिंचाई के लिए पंपों को चलाने में काफी डीजल लगता है। एक ड्रम पर 2400 रुपए बचते हंै। ऐसे में हम उप्र की सीमा पर बने पंप से डीजल ले आते हैं। इससे हमको काफी लाभ होता है। हालांकि पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि खुद के इस्तेमाल तक तो यह काम समझ आता है लेकिन अब किसान से लेकर दुकानदार उपयोग के साथ इसका व्यापार करने लगे हैं।
स्थिति ऐसी हो गई है कि दिनारा, करैरा के कई गांव, पिछोर, बामौरकलां, खनियांधाना आदि स्थान जहां पर कुछ ही दूरी पर उप्र की सीमा में बने पेट्रोल पंप हैं। वहां से अवैध रूप से लाया गया यह ईंधन हर परचूने की दुकान से लेकर जनरल स्टोर की दुकान पर आसानी से उपलब्ध है। इसमें यह दुकानदार जहां कीमत में मुनाफा कमाते हंै वही पेट्रोल व डीजल में मिलावट करके अधिक लाभ कमा रहे है।
रोहित गुप्ता, बिलैया पेट्रोल पंप संचालक
पीसी चंद्रवंशी, सहायक खाद्य अधिकारी, पिछोर